बेगलुरु, कर्नाटक में सियासत एक बार फिर गरमा गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। भाजपा के 10 विधायकों के निलंबन के विरोध में बुधवार को कर्नाटक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित भाजपा विधायकों को हिरासत में लिया गया और विधान सौध पुलिस स्टेशन ले जाया गया। राज्य पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी कुछ समय के लिए भाजपा के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

विधानसभा अध्यक्ष ने दस भाजपा विधायकों को किया निलंबित

बोम्मई ने निलंबन को अवैध और लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सिद्दरमैया सरकार ने तानाशाही रवैया अपना लिया है और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। हम इस मुद्दे को लोगों तक ले जाएंगे। गौरतलब है कि बुधवार को अशोभनीय और अपमानजनक आचरण के लिए विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने दस भाजपा विधायकों को शेष सत्र के लिए कर्नाटक विधानसभा से निलंबित कर दिया है।

इसमें सी एन अश्वथ नारायण, वी सुनील कुमार, आर अशोक, अरागा ज्ञानेंद्र (सभी पूर्व मंत्री), डी वेदव्यास कामथ, यशपाल सुवर्ण, धीरज मुनिराज, ए उमानाथ कोटियन, अरविंद बेलाड और वाई भरत शेट्टी शामिल हैं। विधानसभा सत्र तीन जुलाई को शुरू हुआ और 21 जुलाई को समाप्त होगा। अध्यक्ष की यह कार्रवाई सदन में अराजक दृश्य देखने के बाद आई।

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से नाराज दिखे भाजपा विधायक

सत्र के दौरान भाजपा के कुछ सदस्यों ने विधेयकों और एजेंडे की प्रतियां फाड़कर अध्यक्ष की ओर फेंक दिया था। भाजपा विधायक दोपहर के भोजन अवकाश के बिना सदन की कार्यवाही संचालित करने के अध्यक्ष के फैसले से नाराज थे।

वहीं, विपक्षी भाजपा और जेडीएस विधायकों ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर के खिलाफ विधानसभा सचिव को अविश्वास नोटिस दिया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्रियों बसवराज बोम्मई और एचडी कुमारस्वामी सहित भाजपा और जेडीएस विधायकों ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं।