नई दिल्ली, Monk Amogh Lila Das: स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर एक विवादित टिप्पणी करने के बाद इंटरनेशनल सोसाइटी (ISKCON) ने अपने एक संत अमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगा दिया है। इस्कॉन ने कहा कि दास अब एक महीने के लिए गोवर्धन पहाड़ियों में प्रायश्चित के लिए जाएंगे।

इस्कॉन ने जारी किया बयान

इस मामले को लेकर इस्कॉन ने एक बयान जारी करते हुए कहा, 'ये टिप्पणियां न केवल अपमानजनक थी, बल्कि आध्यात्मिक पथों और व्यक्तिगत विकल्पों की विविधता के बारे में अमोघ लीला दास की जागरूकता की कमी को भी दर्शाती थी। हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि अमोघ लीला दास द्वारा व्यक्त किए गए विचार इस्कॉन के मूल्यों और शिक्षाओं के प्रतिनिधि नहीं हैं।

'हमारे संगठन ने हमेशा सभी आध्यात्मिक मार्गों और परंपराओं के प्रति सद्भाव, सम्मान और समझ को बढ़ावा दिया है और हम अन्य धार्मिक मान्यताओं और प्रथाओं के प्रति किसी भी प्रकार के अनादर या असहिष्णुता की निंदा करते हैं।'

क्या है पूरा मामला?

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस के संत अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानन्द का उपहास उड़ाते हुए पूछा था कि क्या कोई 'दिव्य पुरुष' मछली खा सकता है। दास के कई अन्य वीडियो की तरह यह वीडियो भी वायरल हुआ। इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे है कि कोई भी दिव्य पुरुष किसी जानवर को मार सकता है? (क्या कोई दिव्य व्यक्ति किसी जानवर को मारकर खाएगा?) क्या वह मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है और अगर विवेकानन्द ने मछली खाई, तो सवाल यह है कि क्या कोई दिव्य व्यक्ति मछली खा सकता है?