नई दिल्ली, मणिपुर में कुकी और मैइती समुदाय के बीच अभी भी हिंसा जारी है। इस हिंसा के कारण अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर भी बैन लगा रखा है। वहीं, गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति (parliamentary standing committee) के विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर की स्थिति (manipur violence) पर चर्चा करने की मांग की थी लेकिन उनकी मांग को नहीं माना गया। जिसके बाद गुरुवार को संसद पैनल की बैठक से सभी विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट (walked out) कर दिया। इसकी जानकारी सूत्रों ने दी।

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सूत्रों ने कहा कि राज्यों में जेल सुधारों पर चर्चा के लिए बैठक में TMC के डेरेक ओ ब्रायन और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह और प्रदीप भट्टाचार्य ने पैनल के अध्यक्ष बृजलाल को पत्र सौंपते हुए कहा कि समिति के सदस्य के रूप में वे मणिपुर की स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकते है।

बता दें कि इससे पहले भी ओ'ब्रायन और सिंह ने बृजलाल को पत्र लिखकर मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए एक बैठक बुलाने का आग्रह किया था।

चेयरपर्सन ने दोनों सांसदों को मणिपुर की स्थिति पर तत्काल बैठक आयोजित करने में असमर्थता के बारे में अलग से सूचित किया था, क्योंकि जुलाई में जेल सुधार (prison reforms) पर तीन बैठकें निर्धारित की गई हैं।

बैठक में अध्यक्ष समेत कुल सात सदस्य शामिल हुए।

मणिपुर में 3 मई से अब तक हुई जातीय हिंसा में लगभग 120 लोग मारे गए हैं और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं।