घर के अंदर घुस कर महिला पर बुरी नियत से हमला करने वाले आरोपी को 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं जुर्माना

पन्ना। कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के मीडिया प्रभारी/सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार अभियोजन कहानी संक्षेप मे इस प्रकार है, कि फरियादी, ने अपनी मां एवं भाई के साथ थाना कोतवाली पन्ना में उपस्थित होकर इस आशय का आवेदन पेश किया कि दिनाक 17.07.2017 को सायं करीब 05ः00 बजे की बात है। वह घर पर अकेली थी एवं उसकी मां एवं भाई सोसायटी में खाता खुलवाने गए थे। उसी समय ज्ञान सिंह यादव ने उसके घर की घण्टी बजाई तो उसने छत से झांककर देखा तब ज्ञान सिंह बोला उसे पानी दे दो तब उसने छत से नीचे आकर दरवाजा खोला फिर पानी लाकर दिया। ज्ञान सिंह ने पानी पिया व दोबारा बोतल धोने के लिए पानी मांगा तो उसने फिर से पानी दिया। उसने बोतल पानी से धोई और जब वह लोटा रखने अंदर गयी तो वह पीछे आ गया और अभियुक्त कमरे मे अंदर उसके दोनों हांथ बुरी नियत से पकड़कर अंदर खींचने लगा। वह चिल्लाई और हाथ छुड़ाकर छत के उपर भाग गयी। ज्ञान सिंह उसके घर का दरवाजा बाहर से बंद करके भाग गया। उसी समय उसकी मम्मी और भाई आ गए और उसने उन्हें भी घटना के बारे में बताया। उनके साथ जाकर थाना कोतवाली पन्ना में घटना के संबंध में रिपोर्ट की। फरियादी द्वारा की गयी रिपोर्ट के आधार पर थाना कोतवाली पन्ना मे अभियुक्त के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। दौरान विवेचना घटनास्थल का मौका नक्शा तैयार किया गया। साक्षीगण के कथन लेख किए गए। संूपर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।   

                     न्यायालय श्रीमान न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी पन्ना, जिला पन्ना के न्यायालय मे शासन की ओर से पैरवी करते हुए श्री ऋषिकांत द्विवेदी, सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा अभियोजन के साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराया, न्यायालय के समक्ष आरोपी ज्ञान सिंह यादव को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी का कृत्य गंभीरतम श्रेणी का होने के कारण कठोर से कठोरतम सजा दिये जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से संतुष्ट होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपी ज्ञान सिंह यादव को क्रमशः धारा 452, 354 भादसं. के आरोप में 01-01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500-500 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।