कोलकाता, विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि विशेष संबंधों में बंधकर रहना भारत के हित में नहीं है। विदेश मंत्री विभिन्न देशों के साथ भारत के राजनयिक संबंधों को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के पुराने मजबूत संबंध हैं, लेकिन यह अमेरिका के साथ समान रूप से मजबूत संबंधों के लिए बाधा नहीं बनने चाहिए।

सभी धरों के साथ समान रूप से खड़ा भारत

कार्यक्रम के दौरान जयशंकर ने वैश्विक स्तर पर भारत के बढ़ते कद को लेकर कहा कि आज पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ईस्ट वेस्ट से लेकर नार्थ साउथ सभी धरों के साथ समान रूप से खड़े हैं। आज के दौर में भारत को मजबूत लोकतांत्रिक शक्ति के रूप में जाना जाता है। इसलिए हमारी प्रौद्योगिकी प्रासंगिकता विकसित दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जयशंकर की यह टिप्पणी भारत-रूस संबंधों की सराहना और अशांति के बावजूद स्थिर बताने के कुछ दिनों बाद आई है।

रूस के साथ भारत के संबंध अधिक स्थिर

उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ हमारे संबंध उथल-पुथल के बीच भी स्थिर बने हुए हैं। अन्य देशों से संबंधों की तुलना में भारत और रूस के संबंध अधिक स्थिर हैं। भारत में रूस को लेकर लोगों में अलग ही भावना है। रूस और अमेरिका के साथ भारत के मजबूत संबंध कोई बाधा नहीं है। ये दोनों देश हमें यह नहीं बता सकते कि हमें जापान या किसी और देश का दोस्त बनना है या नहीं।