*समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी की समझाइश पर पति ने किया पहली बार रक्तदान*

*2 दिन से खून के लिए भटक रहा था मजदूर पति, स्वयं नहीं कर रहा था रक्तदान*

मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में आज भी आदिवासी समुदाय के बीच में रक्तदान को लेकर जागरूकता अभियान है जीरो पड़ा हुआ है। जो भी सामाजिक संस्थाएं और विभाग हैं वह आदिवासी समुदाय के बीच में रक्तदान को लेकर जागरूकता बिल्कुल नहीं कर रहा है । जिसकी वजह से यदि उनके घर में माता-पिता एवं पत्नी तथा बच्चों को ही खून की जरूरत पड़ जाती है, तब भी वह खून देने में सक्षम होने के बावजूद रक्तदान नहीं करते हैं। ऐसा ही मामला पन्ना जिला अस्पताल में सामने आया है ,जहां पर 20 वर्षीय आदिवासी महिला अभिलाषा गॉड पति अखिलेश गॉड निवासी कृष्णा कल्याणपुर गर्भवती होने के कारण खून की कमी बताई गई थी ।

2 दिन से महिला का पति खून की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। तभी उसके द्वारा पन्ना जिले के समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी को फोन लगाया गया और खून की जरूरत बताई गई। समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी द्वारा पीड़ित पति को समझाया गया कि यदि आपकी पत्नी को ही खून लगना है और आप रक्तदान नहीं करते हैं , तब ऐसे समय में आपको बाहर का कोई व्यक्ति क्यों रक्तदान करेगा। जिसके बाद पीड़ित पति द्वारा अपना स्वयं का खून परीक्षण कराया गया। जिसके बाद लैब टेक्नीशियन राजकुमार कोरव द्वारा बताया गया कि आप रक्तदान कर सकते हैं। पीड़ित पति अखिलेश आदिवासी द्वारा स्वेच्छा से पहली बार रक्तदान समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी की समझाइश पर किया गया है। रक्तदान प्रेरक समाजसेवी राम बिहारी गोस्वामी ने कहा कि जो सामाजिक संस्थाएं हैं और जिले के जो जिम्मेदार शासकीय विभाग हैं उन्हें चाहिए कि आदिवासी बस्ती में रक्तदान जागरूकता शिविर लगाए और अधिक से अधिक आदिवासी समुदाय के लोगों को रक्तदान को लेकर प्रेरित करें । ताकि जिले में जो आए दिन खून की दलाली के मामले सामने आ जाते हैं उन पर पूर्णता विराम लग सके, इसके साथ ही आदिवासी समुदाय के युवक भी बढ़-चढ़कर रक्तदान में अपनी सहभागिता अदा कर सकें।