{रिपोर्टर अशोक विश्वकर्मा}
पन्ना। कार्यालय जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के सहा. मीडिया प्रभारी/सहा.जि.लोक अभि.अधि. रोहित गुप्ता के बताये अनुसार अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, अभियोक्त्री के पिता ने थाना धरमपुर में दिनांक 16.07.2021 को इस आशय की रिपोर्ट लेख की है कि दिनांक 13-14.07.2021 की दरम्यानी रात्रि की बात हैं। दिनांक 13.07.2021 को रात्रि 10ः00 बजे करीब खाना खा पीकर सभी लोग सो गये। अभियोक्त्री घर के अंदर सो रही थी। उसकी पत्नी रात्रि करीब 03ः00 बजे जगी। उसकी पत्नी ने उसे जगाकर बताया कि अभियोक्त्री घर पर नहीं है। तब उसने व परिवार के सभी लोगों ने खेत व घर के आसपास गांव में ढूंढ़ा नहीं मिली। फिर दिन में रिश्तेदारियों में भी अभियोक्त्री की तलाश किया, जो नहीं मिली। अभियोक्त्री, दीपक सिंह ठाकुर से मोबाईल पर बात करती थीं। उसे शक है कि दीपक सिंह ठाकुर ही उसकी नाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर भगा ले गया है। अभियोक्त्री के पिता की रिपोर्ट के आधार पर थाना धरमपुर द्वारा अपराध क्र. 152/2021 धारा 363 पर अपराध पंजीबद्ध किया गया। दौरान विवेचना अभियोक्त्री के दस्तयाब होने पर उसके व अन्य साक्षियों के कथनों के आधार पर सम्पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366ए, 376 (2)(एन) भादस एवं 5/6 पाक्सो एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय श्रीमान इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी दीपक सिंह ठाकुर के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्रीमान इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) पन्ना के न्यायालय द्वारा आरोपी – दीपक सिंह ठाकुर को क्रमशः धारा- 363, 366ए भादसं. एवं 5(एल)/6 पाॅक्सो एक्ट के आरोप में क्रमशः 03 वर्ष, 05 वर्ष एवं 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रूपए, 2000 रूपए एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।