मणिपुर में पिछले दो महीने से जारी हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता व्यक्त की है।
केंद्रीय गृह मंत्री कथित तौर पर इम्फाल घाटी के जिलों में हिंसा और नागरिक अशांति के स्थानांतरित होने से चिंतित हैं। स्थिति पर हल ढूंढ़ने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।
मणिपुर में फैली हिंसा पर शाह ने जताई चिंता
रविवार देर रात नई दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन ने यहां मीडिया से कहा, "क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक अशांति तक हिंसा की बदलती प्रकृति अमित शाह जी के लिए चिंता का विषय बन गई है।"
एन बीरेन सिंह ने किया ट्वीट
सिंह ने ट्वीट कर लिखा, "आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और मणिपुर में जमीनी स्तर पर बदलती स्थिति के बारे में जानकारी दी. अमित शाह की करीबी निगरानी में, राज्य और केंद्र सरकार पिछले हफ्ते में काफी हद तक हिंसा को नियंत्रित करने में कामयाब हुई है।"
राज्य और केंद्र सरकार ने हिंसा पर किया काफी नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा, "शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर और राज्य मंत्री सुशींद्रो मैतेई के आवास पर हमले, चल रही आगजनी और सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने और सुरक्षा बलों की आवाजाही में बाधा डालने जैसे मुद्दे उठाए।" सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि 13 जून के बाद से हिंसा के कारण किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
केन्द्र सरकार स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की एक रिपोर्ट केन्द्र को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, "हिंसा का प्रारंभिक चरण अत्यधिक राजनीतिक और संवेदनशील थे, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि अब क्या हो रहा है। स्थिति बहुत अराजक है।"
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
मणिपुर हिंसा को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक
मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री द्वारा नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद शाह और सिंह के बीच बैठक हुई। तीन घंटे तक चली बैठक में अठारह राजनीतिक दल, पूर्वोत्तर के चार सांसद और दो मुख्यमंत्री शामिल हुए।
गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और समस्या का समाधान खोजने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।