विभिन्न कार निर्माता कंपनियां अपने ग्राहकों की बेहतरी के लिए अलग-अलग प्रयास करती रहती हैं। इसमें इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहन तक शामिल हैं। 

 देश-दुनिया में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण एक चिंता ता विषय बना हुआ है। वहीं, दूसरी ओर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बढ़ते ईंधनो के दाम के कहर को भी झेल रही है। ऐसे में वाहन मालिकों को दो बड़ी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। इसमें पहली समस्या सरकार द्वारा लगाए जा रहे सख्त उत्सर्जन नियम और दूसरी दिक्कत लगातार बढ़ रहे डीजल, पेट्रोल और सीएनजी के दाम हैं।

विभिन्न कार निर्माता कंपनियां अपने ग्राहकों की बेहतरी के लिए अलग-अलग प्रयास करती रहती हैं। इसमें इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड और हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहन तक शामिल हैं। इनमें सबसे लेटेस्ट ईंधन विकल्प हाइड्रोजन फ्यूल ही है। अपने इस लेख में हम ये जानने वाले हैं कि मौजूदा समय में मौजूद सभी ईंधन विकल्प हमारे लिए कितने नफा-नुकासान का सौदा हैं। साध ही ये भी जानेंगे कि इनमें सबसे बेहतर क्या है।

हाइड्रोजन फ्यूल क्या है?

हाइड्रोजन एक स्वच्छ ईंधन विकल्प है, जो फ्यूल सेल में खपत होने के बाद केवल पानी पैदा करता है। ये फ्यूल ऑप्शन प्रदूषण के मामले में सीएनजी से भी ज्यादा बेहतर है। हाइड्रोजन का उत्पादन विभिन्न प्रकार के घरेलू संसाधनों से किया जा सकता है। इसमें प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, बायोमास और नवीकरणीय ऊर्जा सौर उर्जा और पवन ऊर्जा जैसे विकल्प शामिल हैं। हाइड्रोजन फ्यूल का उपयोग पैसेंजर कारों से लेकर बड़े वाहनों तक, सभी में किया जा सकता है।

अन्य ईंधन विकल्प से कितना बेहतर?

हाइड्रोजन फ्यूल अन्य सभी ईंधनों से काफी बेहतर साबित हो सकता है, अगर इसकी उपलब्धता आसान हो जाती है। मौजूदा समय में भारत के अंदर न तो ऐसे वाहन मौजूद हैं जो हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चल सकें और न ही देश में इसके लिए बेहतर इंफ्रास्टक्चर है। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा इल्क्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि केंद्र सरकार का ध्यान हाइड्रोजन फ्यूल की ओर भी है और इसके लिए कई तरह की R&D भी हो रही है।

हाइड्रोजन फ्यूल के नफा-नुकसान

इस ईंधन विकल्प से प्रदूषण को कम किया जा सकता है। हाइड्रोजन-ऑक्सीजन प्रतिक्रिया H2O पैदा करता है, जिससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता है। वहीं, दूसरी ओर हाइड्रोजन फ्यूल सेल की मदद से ड्राइविंग का अनुभव एक इलेक्ट्रिक वाहन की तरह लिया जा सकता है। ये स्मूद, साइलेंट और वाइब्रेशन-फ्री है। हाइड्रोजन फ्यूल को डीजल/पेट्रोल की तरह आसानी से भरवाया जा सकता है, इसके साथ ही ये इलेट्रिक कार की तरह कम RPM पर जबरदस्त टॉर्क प्रदान करने में सक्षम होता है।

अगर हाइड्रोजन फ्यूल के नुकसान की बात करें तो ये ज्यादा प्रदूषणकारी भी बो सकता है, अगर इका निरमाण कोयले से किया जा रहा है। वहीं, हाइड्रोजन फ्यूल वाली गाड़ियों की रिपेयर और रनिंग कास्ट भी बहुत ज्यादा होने वाली है। मौजूदा समय में इसका इंफ्रास्ट्रक्चर भी पूरी तरह से डेवलप नहीं है। लोगों के अंदर हाइड्रोजन फ्यूल को लेकर अभी उतना भरोसा भी नहीं है, क्योंकि ने नई तकनीक है।