नई दिल्ली, Rashtrapati Bhavan library: आज देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का जन्मदिन है। अपने इस खास दिन के मौके पर मुर्मु जनता को राष्ट्रपति भवन से और भी करीब से रूबरू कराना चाहती है।
इसके लिए राष्ट्रपति भवन पुस्तकालय को डिजिटाइज किया जा रहा है और इसे शोधकर्ताओं के लिए खोला जाएगा। साथ ही राष्ट्रपति संपदा की खेल सुविधाओं को बच्चों और पेशेवरों के लिए खोलने की संभावना है। ऐसा करने वाली मुर्मु पहली राष्ट्रपति नहीं हैं, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी दोनों ने भी ऐसा ही किया था।
राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में इतनी किताबें
अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में राज्य दिवस मनाने की योजना का उद्देश्य 'राज्यों को राष्ट्रपति संपदा के करीब लाना है।' अब तक, राज्य दिवस केवल संबंधित राज्य भवनों में मनाया गया है। राष्ट्रपति भवन के पुस्तकालय में 2,000 दुर्लभ किताबों सहित 33,000 पुस्तकें हैं। इसे जनता के लिए ऑनलाइन उपल्बध कराया जाएगा।
इसमें सबसे पुरानी किताब 'ए कैटलॉग ऑफ द ओरिजिनल वर्क्स ऑफ विलियम हॉगर्थ, 1795 में प्रकाशित हुई थी।' राष्ट्रपति कार्यालय के पास स्थित मुख्य पुस्तकालय की सामग्री को केवल ऑनलाइन ही एक्सेस किया जा सकता है।
'प्रणब मुखर्जी लाइब्रेरी'
भारत के 13वें पूर्व राष्ट्रपति 'प्रणब मुखर्जी लाइब्रेरी' के नाम पर यह लाइब्रेरी जनता के लिए खुले रहेंगे। यहां कोई भी आ सकता है और ऑनलाइन और ऑफलाइन एक्सेस की सुविधा भी उपल्बध होगी। इस लाइब्रेरी को शोधकर्ताओं, छात्रों और अन्य लोगों के लिए तैयार किया जा रहा है।
मुर्मु के आज महिला स्वयं सहायता समूहों से मिलने, सुबह अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट के दिव्यांग बच्चों से बातचीत करने और हौज खास में जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने की उम्मीद है।