नई दिल्ली, Twitter पूर्व CEO जैक डोर्सी (Jack Dorsey) के एक बयान से भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया है। डोर्सी ने मंगलवार को एक इंटरव्यू के दौरान आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन के समय भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव बनाया था। भारत सरकार ने कुछ ट्विटर अकाउंट बंद करने को कहा था, जिनमें किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार की आलोचना की जा रही थी।
जैक डोर्सी ने कहा था कि बात ना मानने पर सरकार ने ट्विटर को बंद करने और कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकी दी थी। जैक डोर्सी के आरोपों के बाद विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर जैक डोर्सी (Jack Dorsey) कौन हैं और उन्होंने केन्द्र सरकार पर ऐसे आरोप क्यों लगाए?
दरअसल, ट्विटर एक माइक्रोब्लागिंग प्लेटफॉर्म ( Microblogging Platform) है जिसकी शुरूआत 21 मार्च 2006 को हुई थी। ट्विटर को डेवलप करने में Jack Dorsey का योगदान बहुत महत्वपूर्ण था जिसके कारण ट्विटर की स्थापना के 2 साल बाद Jack Dorsey को इसका CEO बनाया गया था। 2021 तक Jack Dorsey ने ट्विटर के CEO के रूप में काम किया था। Jack Dorsey के बाद भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ने CEO के रूप में Jack Dorsey की जगह ली थी।
Jack Dorsey ने ट्विटर के CEO रहने के दौरान भारत का दौरा भी किया था। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात की Jack Dorsey ने एक तस्वीर भी शेयर की थी। 13 नवंबर 2018 को इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए Jack Dorsey ने लिखा था, 'हमारे साथ समय गुजारने के लिए धन्यवाद। आपके साथ बात करके मैं खुश हूं। ट्विटर के लिए आपके सुझाव का धन्यवाद।'
विवादों से Jack Dorsey का है पुराना नाता
Jack Dorsey का जन्म अमेरिका के सेंट लुइस में हुआ था। पढ़ाई के बाद उन्होंने प्रोग्रामर के तौर पर काम करना शुरू किया था। 2006 में Jack Dorsey को ट्विटर का आइडिया आया था, जिसे उन्होंने अपने दोस्त नोआ ग्लास के साथ शेयर किया।
इस आइडिया पर दोनों ने काम किया और ट्विटर को लॉन्च किया। Jack Dorsey उस समय विवादों में आए थे जब 2020 में ट्विटर पर 100 से ज्यादा अकाउंट हैक हुए थे। जिसमें जेफ बेजोज और बराक ओबामा के अलावा ट्विटर के वर्तमान मालिक एलन मस्क भी शामिल थे।
हैक के पीछे बिटकॉइन घोटाला बताया गया था। इस हैक के बाद भी Jack Dorsey विवादों में घिर गए थे और उनपर अविश्विस का आरोप लगा था।
विपक्षी दलों ने केन्द्र सरकार को घेरा
Jack Dorsey के आरोप के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। सीएम केजरीवाल ने कहा कि किसानों के आंदोलन को विफल करने का प्रयास किया गया था, तो यह पूरी तरह से गलत है।
वहीं कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार को इस मामले में सफाई देनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार को पत्रकारों, मीडिया और सोशल मीडिया मंचों को ‘डराना-धमकाना’ बंद करना चाहिए।
खरगे ने ट्वीट किया, ‘भाजपा-आरएसएस के राजनीतिक वंशज, जिनके पूर्वज स्वतंत्रता के आंदोलन में हिन्दुस्तानियों के खिलाफ खडे़ होकर अंग्रेजों के पक्ष में लड़े, वो ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर राष्ट्रवाद का ढोंग न रचें! देश को शर्मिंदा करने में भाजपा आगे है।’ खरगे ने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी से भाजपा ने केवल तानाशाही की टूलकिट अपनाई है।
भारत सरकार ने Jack Dorsey के आरोपों का किया था खंडन
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने Jack Dorsey के आरोपों को खारिज किया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा, "ट्विटर को कभी कोई धमकी जारी नहीं की गई।
हालांकि माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर भारत विरोधी गतिविधियों को दिखाया गया। उन्होंने किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान हुई घटनाओं के संदर्भ में कहा, "हमने लाल किले पर तिरंगे को नीचे खींचे जाने और पुलिसकर्मियों की पिटाई के फुटेज से भरी ट्विटर टाइमलाइन पर आपत्ति जताई थी।
BJP नेता ने कहा कि हमने बताया कि यह कार्य अमेरिकी संसद की घेराबंदी से कम अपमानजनक नहीं था, जिसके लिए ट्विटर ने संवेदनशीलता दिखाई थी। हमने अनुरोध किया था कि वे ऐसे यूजर्स के खिलाफ कार्रवाई करें।