नई दिल्ली, भारतीय वायुसेना ने भारतीय थलसेना के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में हाल ही में सैन्य अभ्यास किया है। इसमें दोनों सेनाओं ने युद्ध के लिए अपनी तैयारियों को परखा। इस अभ्यास में वायुसेना ने हिंद महासागर के रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दो स्थानों पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस अभ्यास में वायुसेना ने अपने सर्वोत्कृष्ट लड़ाकू विमानों- राफेल और सुखोई-30 एमकेआइ का इस्तेमाल किया।
वायुसेना ने दी जानकारी
वायुसेना ने ट्वीट कर इस संयुक्त अभ्यास की जानकारी दी है। अभ्यास में युद्ध की स्थितियां बनाकर दोनों सेनाओं ने सभी जरूरी हथियारों और उपकरणों के साथ कार्रवाई कीं। इस दौरान साथ मिलकर हमले और बचाव का अभ्यास किया गया। वायुसेना ने अभ्यास का समय और स्पष्ट स्थान नहीं बताया है। कुछ दिन पहले हुए इस अभ्यास में सुखोई-30 एमकेआइ विमानों और राफेल विमानों की फ्लीट ने आठ घंटे तक लक्ष्यों पर कार्रवाई की।
भारतीय वायुसेना बढ़ा रही अपनी सक्रियता
इस दौरान लंबी दूरी तय करके लक्ष्यों को बर्बाद करने की कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया। इससे पहले मई में राफेल ने हिंद महासागर क्षेत्र में छह घंटों के अभियान को अंजाम दिया था। हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय वायुसेना इसलिए भी अपनी सक्रियता बढ़ाती जा रही है क्योंकि चीन क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा रहा है। हाल ही में भारतीय नौसेना ने अपने दो विमानवाहक युद्धपोतों के साथ हिंद महासागर में बड़ा सैन्य अभ्यास किया था।
तालमेल को बेहतर करने के लिए किए जा रहे संयुक्त अभ्यास
भारत तीनों सेनाओं के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है। तालमेल को बेहतर करने के लिए संयुक्त अभ्यास किए जा रहे हैं जिससे किसी भी चुनौती का मजबूती से मुकाबला किया जा सके और जवाबी कार्रवाई भी की जा सके। हाल ही में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि भारत की सैन्य शक्ति अब मुकाबले की स्थिति से आगे जाकर हमला करने की स्थिति में पहुंच चुकी है। जाहिर है यह चीन के लिए संदेश है।