नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार द्वारा बाइक-टैक्सी संचालित करने वाली कंपनियों के संबंध में दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को करेगा। इसमें हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने हाई कोर्ट के 26 मई के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें अंतिम नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी संचालकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने को कहा गया था।
दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी पीठ
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ 12 जून को दिल्ली सरकार की याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि दोनों याचिकाओं की प्रतियां सालिसिटर जनरल को दी जाएं, जिससे केंद्र का जवाब मिल सके।
दिल्ली सरकार को जारी किया था नोटिस
इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष वशिष्ठ ने कहा कि अंतिम नीति अधिसूचित होने तक सरकार के नोटिस पर रोक लगाने का हाई कोर्ट का फैसला एक तरह से रैपिडो की रिट याचिका को मंजूर करने जैसा है। हाई कोर्ट ने दोपहिया वाहनों को परिवहन वाहनों के रूप में पंजीकृत करने से रोक के संबंध में कानून को चुनौती देने वाली रैपिडो की याचिका पर 26 मई को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था।
हाई कोर्ट ने क्या दिया था निर्देश?
हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि नीति अधिसूचित होने तक बाइक-टैक्सी संचालक के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने याचिका को 22 अगस्त के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं (रैपिडो) के वकील ने कहा कि नीति पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी है।