भुवनेश्वर, ओडिशा में बालेश्वर ट्रेन हादसे जैसा एक और ट्रेन हादसा फिर होने से टल गया। भद्रक जिले के मंजुरी रोड स्टेशन पर इंटरलॉक के बीच में एक बड़ा सा पत्थर फंस गया था। गनीमत रही कि एक रेल कर्मचारी ने समय रहते इसे देख लिया।

जानकारी के मुताबिक, भद्रक जिले में भंडारीपोखरी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत मंजुरी रोड स्टेशन पर इंटरलॉक के बीच में एक पत्थर फंस गया था। अगर यहां से ट्रेन गुजरती तो ओडिशा में एक और भयावह ट्रेन हादसा हो जाता। यहां मिला पत्थर एक ट्रेन को बेपटरी करने के लिए काफी था।

रेलवे के एक कर्मचारी ने समय रहते इंटरलॉक में फंसे पत्थर को देख लिया और पत्थर को हटा दिया। रेल कर्मचारी की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।

इधर, स्टेशन प्रबंधक ने मामले को लेकर आरपीएफ में शिकायत दर्ज कराई है। संपर्क किए जाने पर आरपीएफ इंस्पेक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि मामले की जांच जारी है।

कोयले से भरी मालगाड़ी में लगी आग

इधर, रूप्सा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को भी एक ट्रेन हादसा होते-होते टल गया। रेल कर्मचारियों ने एक मालगाड़ी की बोगी से धुंआ निकलते देखा। जिसके बाद उसने तुरंत इसकी सूचना बालेश्वर दमकल विभाग को दी।

सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने आग को बुझाया। कोयले से लदी मालगाड़ी में आग कैसे लगी, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। रेलवे मामले की जांच में जुट गई है।

ट्रॉमा में बालेश्वर ट्रेन हादसे के पीड़ित 

बता दें कि बालेश्वर ट्रेन हादसे के बाद ओडिशा में कई ट्रेन हादसे टले। 2 जून की शाम को हुई ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में 288 लोग मारे गए और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

अभी भी ट्रेन हादसे का दंश लोग झेल रहे हैं। अभी भी हादसे के बाद कई लोग लापता है। घायल मानसिक अस्थिरता से गुजर रहे हैं।