नई दिल्ली, बिहार में 23 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने जा रही है। विपक्षी दल इस बैठक की तैयारी जोर-शोर से कर रही है। इसी बीच, भाजपा ने बैठक को लेकर गुरुवार को उन पर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि हो सकता है कि वे एक-दूसरे से समर्थन मांग रहे हों, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी ये उम्मीद बिहार के पुल की तरह टूट जाएगी।
राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी के "मोहब्बत की दुकान" चलाने के दावे पर कांग्रेस पर निशाना साधा और पूछा कि क्या इस "मोहब्बत" का मतलब हिंदू जीवन शैली की निंदा करना, सिखों की हत्या करना, उन लोगों के साथ समझौता करना है, जो भारत के लिए बुरा चाहते हैं और भारत के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए बाहरी हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह कैसा प्यार है, जो देश के लिए नहीं बल्कि आपकी राजनीति के लिए है।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि पर हमला करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है। कांग्रेस की 'मोहब्बत' पीएम के लिए नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को दिखाया आईना
गांधी के इस आरोप पर पलटवार करते हुए कि अल्पसंख्यकों के साथ सरकार द्वारा उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांधी परिवार खुद को अल्पसंख्यकों का रक्षक कहते हैं, लेकिन योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति पर खर्च कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के तहत 860 करोड़ रुपये था, जबकि मोदी सरकार के तहत यह 2,691 करोड़ रुपये है।
पटना में 23 जून को विपक्ष की बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, "वे एक-दूसरे से समर्थन मांग रहे हैं, क्योंकि वे अपने पैरों पर खड़े नहीं हो पा रहे हैं। वे एक ऐसे स्थान पर एक साथ आ रहे हैं जहां एक 1,750 करोड़ रुपये का निर्माणाधीन पुल बह गया। उनकी इच्छाएं 2024 में भी इसी तरह धुल जाएंगी।"