नई दिल्ली, एक दिन पहले ही केंद्र सरकार की ओर से एमएसपी में बढ़ोत्तरी का एलान किया है और किसानों की हितैषी होने का दावा किया गया। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि यह बढ़ोत्तरी सिर्फ कागजी है क्योंकि फसलों की एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही है।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

केंद्र सरकार की किसान नीति पर हमला करते हुए पार्टी ने कहा कि एमएसपी केवल घोषित होती है, फसल नहीं खरीदी जाती। फसल की लागत का 50 फीसद मुनाफा नहीं देने, पीएम किसान सम्मान निधि से दो करोंड़ से अधिक किसानों का नाम हटाए जाने, कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर की धीमी रफ्तार और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की खामियों को लेकर भी कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथों लिया है।

एमएसपी के कोई मायने नहीं रह गए: कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मोदी सरकार की हर नीति और कदम यानी डीएनए ही किसान विरोधी है और एमएसपी के कोई मायने नहीं रह गए। सात सबसे बड़ी फसलों के 2022-23 में हुए उत्पादन और एमएसपी पर खरीदी का सरकारी आंकड़ा इसे जाहिर करता है। उन्होंने कहा इस दौरान धान के 1302.9 लाख टन उत्पादन के मुकाबले एमएसपी पर खरीद 651.70 लाख टन हुई जो कुल उपज का 50 फीसद है।

एमएसपी पर हुई केवल 48000 टन खरीद

गेहूं के 1068.4 लाख टन उत्पादन के मुकाबले खरीद 187.92 लाख टन रही यानि 17 प्रतिशत से कुछ अधिक। पांच तिलहन फसलों का कुल उत्पादन 376.96 लाख टन हुआ और एमएसपी पर केवल 48000 टन खरीद हुई, जो .13 प्रतिशत रहा। दालों की उपज 276.9 लाख टन हुई और खरीद 1.2 लाख टन यानि .43 प्रतिशत रही। जबकि ज्वार, बाजरा और रागी का कुल उत्पादन 491.7 लाख टन हुआ मगर एमसपी पर खरीद केवल 1.28 लाख टन की हुई जो .26 प्रतिशत रहा।

सुरजेवाला ने उठाया सवाल

सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के आंकड़ों से साफ है कि एमएसपी किसानों को छलावा है और धान की फसल की 50 फीसद खरीद के अलावा एमएसपी पर अधिकांश फसल नहीं खरीदे जा रहे हैं। पीएम मोदी ने फसलों की लागत का 50 फीसद मुनाफा देने का जो वादा किया था उसे अब तक लागू नहीं किया गया है।

किसान का हाल बेहाल

2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा हकीकत से दूर है और उल्टे खेती की लागत पिछले कुछ सालों में 25000 रूपए प्रति हेक्टेयर बढ़ गई है जिसकी मार से किसान बेहाल हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी टवीट में सरकार पर तंज कसते हुए कहा ''न लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा, न एमएसपी पर खरीद, न दोगुनी आय, भाजपा सरकार के नौ सालों में किसानों को चुनाव में जुमले, पीठ पर लाठी और पेट पर लात के सिवाय क्या मिला?''

सुरजेवाला ने सरकार पर बोला हमला

सुरजेवाला ने पिछले चार साल में कृषि बजट का 80000 करोड़ खर्च नहीं होने और इसे सरेंडर करने को लेकर भी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह किसानों से धोखा है। तीन साल पहले किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए 1,00,000 करोड़ रुपए के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में अब तक केवल 12 हजार करोड़ देने और बेहद कम संख्या में किसानों को कर्ज दिए जाने को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाया।