नई दिल्ली, दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण परिवारों की समृद्धि में मील का पत्थर मान रहा है। इसकी सफलता की गाथा सुनाने के साथ ही सरकार की नजर इसका दायरा और बढ़ाने पर है। देशभर में अभी नौ करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं।
स्वयं सहायता समूहों से अभी जुड़ी हैं देशभर की नौ करोड़ महिलाएं
सरकार का लक्ष्य 2024 से पहले इनकी संख्या दस करोड़ तक पहुंचाने का है। इस तरह स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कुल दस करोड़ परिवार इस योजना के लाभार्थी वर्ग में शामिल हो जाएंगे। इसी उद्देश्य के साथ देश की समृद्धि में गांवों की भागीदारी बढ़ाने पर भी दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ मंगलवार को यहां नई दिल्ली में हुआ।
क्या कहा केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने?
विश्व बैंक और बिल एंड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की आय में 19 प्रतिशत, जबकि बचत में 28 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।
मंत्रालय के अधिकारियों व वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े राज्यों के संबंधित अधिकारियों से उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दस करोड़ पात्र महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने का लक्ष्य 2024 से पहले प्राप्त कर लेना है।
भारत के परिवर्तन में बड़ा माध्यम
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताया कि यह महिला स्वयं सहायता समूह आने वाले दिनों में भारत के परिवर्तन में बड़ा माध्यम बनेंगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने का जो लक्ष्य तय किया है, उसमें भी इन महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। देश की समृद्धि में गांवों की सहभागिता कैसे बढ़े, इस पर विभिन्न सत्रों में विचार मंथन शुरू हुआ, जो कि बुधवार को भी चलेगा।