नई दिल्ली, भले ही राजस्थान कांग्रेस में पिछले कुछ सालों से चला आ रहा सियासी घमासान थम गया हो, लेकिन सचिन पायलट के अगले कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सचिन पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें पार्टी आलाकमान के निर्णय का इंतजार है।
सचिन पायलट को है कांग्रेस के फैसले का इंतजार
कांग्रेस नेता सचिन पायलट के करीबी सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि वह पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई सहित अपनी मांगों पर अडिग हैं और पार्टी आलाकमान के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
नई पार्टी की चर्चाओं ने पकड़ा जोर
कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सचिन पायलट एक नई पार्टी बनाने की घोषणा कर सकते हैं। हालांकि, उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि सचिन केवल अपनी मांगों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि अशोक गहलोत सरकार पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करे। साथ ही सरकारी भर्ती परीक्षा से जुड़े पेपर लीक होने के मुद्दों पर काम करे।
सचिन और गहलोत के बीच नहीं हुआ मुख्य मुद्दों का समाधान
सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने पिछले हफ्ते पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ बैठक की थी, लेकिन राजस्थान के दोनों नेताओं के बीच मुख्य मुद्दों का कोई समाधान नहीं हुआ है।
पिता की पुण्यतिथि पर फैसला ले सकते हैं सचिन पायलट!
इस बीच, ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सचिन पायलट 11 जून को दौसा में अपने पिता की पुण्यतिथि पर अपने भविष्य के बारे में स्पष्ट संकेत दे सकते हैं। उनके एक करीबी सूत्र ने कहा कि सचिन पायलट पार्टी नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। पायलट के करीबी नेताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।
सचिन के करीबी मुरारी लाल ने अटकलों को किया खारिज
राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर हर साल आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारी दौसा में जोरों पर चल रही है और इसकी देखरेख की जिम्मेदारी पायलट के करीबी माने जाने वाले कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा के पास है। मीणा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि नई पार्टी की अटकलें कहां से शुरू हुई हैं। मुझे इस तरह की अटकलों में कोई दम नहीं दिखता। मैं पार्टी की विचारधारा के अनुसार काम करता हूं।
क्या है विवाद?
- बता दें कि साल 2018 में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता के लिए संघर्ष देखने को मिल रहा था।
- दोनों नेताओं के बीच कई बार सुलह भी कराने की कोशिश की गई, लेकिन हर बार उनके बीच सुलह नाकाम रही।
- हालांकि, बीते दिनों मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के साथ गहलोत व पायलट के बीच चल रहे विवाद को समाप्त करने के लिए बैठक हुई थी।
- बैठक के बाद कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के एकजुट होने का दावा किया है।