नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: अमेरिकी मल्टीनेशनल इन्वेस्टमेंट बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दस साल पहले के मुकाबले बहुत बदल गया है। स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विश्व व्यवस्था में भारत एक स्थान प्राप्त कर रहा है और एशिया तथी वैश्विक विकास के लिए एक प्रमुख देश बन गया है।
सभी आलोचनाओं को किया खारिज
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में भारत के खिलाफ सभी आलोचनाओं को भी खारिज किया है। आपको बता दें कि भारत की आलोचना कई लोग इसलिए कर रहे थे कि भारत ने पिछले 25 वर्षों में दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों में तेज कारोबोर होने के बावजूद अपनी क्षमता के हिसाब से प्रदर्शन नहीं किया है।
एक दशक से भी कम में बदला भारत
अपनी रिपोर्ट में भारत की तारिफ करते हुए मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि आज का भारत 2013 से अलग है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत एक दशक से भी कम समय में बदल गया है और 10 साल की छोटी अवधि में मैक्रो और मार्केट आउटलुक के लिए महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणामों के साथ विश्व व्यवस्था में अपना स्थान बनाया है।
इन कारणों से हुआ बदलाव
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पीएम मोदी ने 2014 से प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभालते हुए 10 बड़े बदलाव किए। स्टेनली ने कहा कि कॉरपोरेट टैक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट सबसे बड़े सप्लाई-साइड पॉलिसी रिफॉर्म्स में से एक है।
रिपोर्ट में जीएसटी का जिक्र करते हुए मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि देश में जीएसटी संग्रह बढ़ा है, जो जीडीपी के प्रतिशत के रूप में डिजिटल लेनदेन की बढ़ती हिस्सेदारी अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का संकेत देती है।
इसके अलावा लाभार्थियों के खातों में सीधा सब्सिडी का पैसा देना, दिवाला और दिवालियापन संहिता, लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण, एफडीआई पर ध्यान, कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए सरकारी समर्थन, रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए नया कानून और बहु-वर्षीय उच्च स्तर पर एमएनसी भावना अन्य महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
2031 तक दो गुना बढ़ जाएगा भारत का निर्यात
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में विनिर्माण और पूंजीगत व्यय में स्थिर वृद्धि के परिणामस्वरूप साल 2031 तक सकल घरेलू उत्पाद में दोनों की हिस्सेदारी लगभग 5 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
इसके अलावा रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा है कि भारत का निर्यात बाजार हिस्सा 2031 तक बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो जाएगा, जो 2021 के स्तर से लगभग 2 गुना होगा, जिसमें माल और सेवाओं के निर्यात में व्यापक लाभ होगा।