नई दिल्ली,आरबीआइ का करेंसी प्रबंधन वैसे तो ठीक-ठाक है लेकिन देश में नोटों का प्रचलन बढ़ रहा है और सिस्टम में नकली नोटों की संख्या भी बढ़ रही है। यह बात स्वयं आरबीआइ ने अपनी सालाना रिपोर्ट में स्वीकार की है।

इसमें बताया गया है कि वर्ष 2022-23 के दौरान देश में प्रचलित करेंसी में बैंक नोटों की संख्या 4.4 प्रतिशत बढ़ी है। अगर मूल्य के हिसाब से देखें तो भी बैंक नोटों की हिस्सेदारी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कुल प्रचलित मुद्राओं में बड़े नोटों (500 और दो हजार रुपये) की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में बढ़ कर 87.9 प्रतिशत हो गई है।

हाल ही में आरबीआइ ने सिस्टम से दो हजार रुपये के नोटों को बाहर करने का एलान किया है। जहां तक नकली नोटों की बात है तो बैंकिंग सिस्टम में वर्ष 2022-23 में कुल 2,25,769 नकली नोट पकड़े गए हैं। इसके पहले के दो वित्त वर्षों में यह संख्या क्रमश: 2,30,971 और 2,08,625 रही थी।

ये बरामदगी एजेंसियों के स्तर पर होने वाली बरामदगी के अलावा है। ये नकली नोट बैंक शाखा स्तर पर या आरबीआइ चेस्ट में जमा होने के बाद पकड़े गए हैं। इसमें दो रुपये और पांच रुपये के भी नोट हैं (इनकी संख्या इकाई में है) और 500 व 2,000 के नोट भी हैं। पिछले वर्ष दो हजार रुपये के 9,806 नकली नोट पकड़े गए हैं। यह संख्या वर्ष 2021-22 में 13,604 थे। सबसे ज्यादा (91,110) 500 रुपये के नोट पकड़े गए हैं।