9 Years of PM Modi Government मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर डिजिटल भारत के लाए जाने वाली योजनाओं को लेकर आंकड़ों की जानकारी दे रहे हैं। इन सालों में किन नई योजनाओं को लाया गया बता रहे हैं। 

देश में मोदी कार्यकाल के 9 साल पूरे हो चुके हैं। मोदी सरकार के ये 9 साल 140 करोड़ भारतीयों के लिए नवनिर्माण और गरीब कल्याण की दृष्टि से कई योजनाओं के रूप में खास रहे। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार का डिजिटल इंडिया का सपना कितना साकार हुआ यह आंकड़ों से समझा जाना जरूरी है। आइए इस आर्टिकल में अलग-अलग योजनाओं के सरकारी आंकड़ों पर नजर डालते हैं-

ऑप्टिकल फाइबर, डिजिटल पेमेंट को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े?

ऑप्टिक फाइबर की बात करें तो भारत के ग्रामीण इलाके इन 9 सालों में ऑप्टिकल फाइबर से जुड़ीं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में 1.98 लाख ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का हिस्सा बनीं।

डिजिटल भारत की तस्वीर लेन-देन के लिए डिजिटल पेमेंट के इस्तेमाल के साथ भी दिखी। आज हर दूसरा स्मार्टफोन यूजर एक टैप की मदद से हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े सामान के लिए पे कर रहा है।

आंकड़ों की मानें तो साल 2021 में दुनिया का 40% डिजिटल लेनदेन देश में हुआ है। यूपीआई पेमेंट को लेकर सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो पाते हैं कि अगस्त 2023 में 868 करोड़ रुपये का लेनदेन यूपीआई के जरिए हुआ है।

कितने बढ़े इंटरनेट यूजर्स, क्या सस्ता हुआ डेटा?

स्मार्टफोन के साथ ही इंटरनेट आज हर काम के लिए जरूरी हो गया है। ऐसे में हर यूजर को सस्ती कीमत पर इंटरनेट सर्विस मिलना भी इन सालों में सुनिश्चित हुआ है।

सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रति GB डेटा की कीमत 308 रुपये से घटकर अब यह वर्तमान में 10 रुपये से भी कम हो चुकी है। इसी के साथ पिछले 5 सालों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या भी दोगुनी हो चुकी है।

डिजिटल कामों के लिए सरकार ने कैसे की नागरिकों की मदद?

देश में नागरिकों की दस्तावेजों को लेकर डिजिटल कामों में मदद के लिए बीते कुछ सालों में कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं। आंकड़ों की मानें तो डिजिटल इंडिया के तहत 5.47 लाख कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित हुए हैं।

डीबीटी सिस्टम से कितना रुपया बचा?

मोदी सरकार के कार्यकाल में डीबीटी सिस्टम की मदद से योजनाओं के लाभार्थी को प्रत्यक्ष भुगतान किया गया। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि डीबीटी सिस्टम की मदद से (Direct benefit transfer) सरकार बिचौलियों से 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि को बचा चुकी है।