नई दिल्ली, कांग्रेस ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपना हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस ने कहा कि ''एक व्यक्ति के अहंकार और आत्मप्रचार की इच्छा'' ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को परिसर के उद्घाटन करने के अपने संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है।

जयराम रमेश ने ट्वीट कर बोला हमला

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा- "कल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया, लेकिन यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने से वंचित कर दिया है। अशोका द ग्रेट, अकबर द ग्रेट और मोदी द इनॉग्रेट।''

20 विपक्षी दलों का बहिष्कार

उधर कांग्रेस के हमले के एक दिन बाद 20 विपक्षी दलों ने मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने के अपने फैसले की घोषणा की। कांग्रेस, वामपंथी, टीएमसी, सपा और आप सहित उन्नीस विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब "लोकतंत्र की आत्मा को खत्म कर लिया गया है" तो उन्हें एक नई इमारत में कोई दिलचस्पी नहीं है।

वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करते हैं, तो उनकी पार्टी इसमें शामिल नहीं होगी।

NDA ने विपक्ष पर किया पलटवार

विपक्ष के बहिष्कार के आह्वान के बाद, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने भी तीखा पलटवार किया था, जिसमें विपक्ष के रुख को "लोकतांत्रिक लोकाचार और देश के संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान" बताया था।

दूसरी ओर 19 विपक्षी दलों ने अपने संयुक्त बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन करने का निर्णय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का अपमान है।