नई दिल्ली,  सहकार से समृद्धि के सपने को साकार करने के लिए सहकारिता क्षेत्र में 11 सौ नए किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन किया जाएगा। योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को केंद्र की ओर से 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। साथ ही क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (सीबीबीओ) को एफपीओ बनाने पर प्रति यूनिट 25 लाख रुपये दिए जाते हैं।

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कृषि एवं किसान मंत्रालय नए एफपीओ को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को सौंप देगा।देश भर में सहकारिता आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए इन कदमों से किसान प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्सों) को और गतिशील, व्यावहारिक एवं वित्तीय रूप से स्थायी बनाने में मदद मिलेगी।

सहकारी क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से सहकारी क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। देशभर में अभी लगभग 13 करोड़ किसान पैक्स से जुड़े हैं। केंद्र सरकार के इस निर्णय से पैक्सों के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होगी। अभी तक पैक्सों के पास अल्पकालिक ऋण, बीज एवं उर्वरक आदि के वितरण का काम होता है। नई व्यवस्था के बाद पैक्स कृषि से संबंधित आर्थिक क्रिया-कलाप में भी सक्षम होंगी।

एफपीओ योजना में पैक्सों के एकीकरण से उन्हें कृषि उत्पादन इनपुट, कृषि उपकरण जैसे कल्टीवेटर, टिलर, हारवेस्टर आदि की आपूर्ति तथा प्रसंस्करण का जिम्मा भी मिलेगा। अनाज की सफाई, परख, छंटाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, भंडारण, परिवहन आदि गतिविधियों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने में सहायता मिलेगी।

इसके अतिरिक्त मधुमक्खी पालन एवं मशरूम की खेती जैसे उच्च आय अर्जित करने वाले कामों के लिए भी पैक्स सक्रिय और सक्षम होंगी। केंद्र की इस पहल से पैक्सों को किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी मदद मिलेगी। साथ ही पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में भी विविधता आएगी। आय के नए और स्थायी स्त्रोत उत्पन्न होंगे।