जुर्म करने वाले के मन में अक्सर यह ख्याल आता है कि वह अपराध करने के बाद पुलिस की गिरफ्त से बच जाएगा, लेकिन ऐसा होता नहीं है। फर्श बाजार थाना पुलिस ने सिर्फ एक फोन कॉल से एक हत्यारे को गुजरात क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर सूरत से वारदात के एक सप्ताह बाद गिरफ्तार कर लिया। आरोपित की पहचान एनएसए कॉलोनी निवासी करण के रूप में हुई है।
सूरत से मुंबई भागने की फिराक में था आरोपित
आरोपित सूरत से हमेशा के लिए मुंबई भागने की फिराक में था। जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि सात मई की रात को पुलिस को एनएसए कॉलोनी में झगड़े की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो राहुल नाम का शख्स घायल हालत में मिला, पता चला करण नाम के युवक ने झगड़े में उसपर चाकू से वार किए थे। उसे डॉ. हेडगेवार अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के भाई रवि की शिकायत पर पुलिस ने हत्या की धारा में प्राथमिकी पंजीकृत की। थानाध्यक्ष अमूल त्यागी के नेतृत्व में इंस्पेक्टर विशेष खोखर व अन्य की टीम बनाई। एक फुटेज में वारदात कैद मिली। टीम ने आरोपित के घर पर छापेमारी की तो वह फरार मिला। 42 लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन आरोपित का कुछ पता नहीं चला।
न बैंक में खाता न ही रखता था मोबाइल
काफी प्रयास के बाद भी पुलिस आरोपित को तलाश नहीं पाई। एक दिन अचानक से आरोपित ने अपने पिता को एक अज्ञात नंबर से फोन करके कहा कि वह उन्हें छोड़कर हमेशा के लिए मुंबई जा रहा है। पुलिस ने उस नंबर का पता किया तो वह सूरत के एक मजदूर का निकला। दिल्ली पुलिस की एक टीम सूरत गई और वहां की क्राइम ब्रांच से मदद मांगी।
पुलिस उस व्यक्ति तक पहुंच गई जिस नंबर से फोन किया गया था। उसने पुलिस को बताया कि उसके फोन से एक अंजान व्यक्ति ने किसी को कॉल किया और बात करने के बाद नंबर डिलीट कर दिया था। पुलिस ने वहां 60 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज बारिकी से खंगाले औश्र जांच करते हुए एक फैक्ट्री तक पहुंच गई, जहां आरोपित मजदूरी कर रहा था। पुलिस को उनसे बताया कि वारदात वाले दिन मृतक का भाई रवि गली में शराब पी रहा था, उसे भी शराब पीनी थी।
उसने उससे शराब मांगी तो उसने झगड़ा करना शुरू कर दिया और अपने भाई राहुल के साथ मिलकर उसे कई थप्पड़ मार दिए। उस वक्त वह वहां से चला गया और थप्पड़ का बदला लेने के लिए चाकू लेकर राहुल के घर के पास उसका इंतजार करने लगा। जैसे ही राहुल दिखा उसने उसपर चाकू से वार कर दिए। उसके बाद वह निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन भाग गया और बिना टिकट सूरत पहुंच गया। उसकी अपनी सौतेली मां से अनबन चल रही है, जिस वजह से वह अपने घर नहीं रहता था। उसके पास फोन व बैंक खाता भी नहीं है।