जिला बरनाला के गांव वजीदके निवासी सैनिक जसवीर सिंह समरा देश के लिए बलिदान हो गया। सैनिक जसवीर सिंह समरा राजौरी मैदड़ जम्मू में ड्यूटी पर तैनात था,ड्यूटी के दौरान जसवीर सिंह समरा आतंकी हमले में बलिदान हो गया। सैनिक के बलिदान की सूचना जैसे ही परिवार को मिली तो जिला बरनाला क्षेत्र में शोक की लहर हैबलिदानी सैनिक के पैतृक घर पर ग्रामीणों के अलावा गणमान्यों लोग एकत्र होने लगे हैं। बलिदानी सैनिक जसवीर सिंह समरा के पिता कुलदीप सिंह ने बताया कि उनका इकलौता बेटा जसवीर सिंह समरा 2016 में पटियाला में 10 जैक राइफल में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। अभी वह राजौरी मैदान (जम्मू) में ड्यूटी कर रहा था।

Sponsored

पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट - बूंदी

पटौदी इंटरप्राइजेज एवं अलगोजा रिसोर्ट कीऔर से बूंदी वासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

आतंकी हमले में हुए थे बलिदान

परिजनों को बुधवार रात उसके साथियों ने फोन पर बताया कि जसवीर सिंह चौकी पर ड्यूटी कर रहा है। जहां आतंकियों के हमले के दौरान गोली लगने से वह देश के लिए बलिदान हो गए। सैनिक का शव गांव पहुंचने पर शहीद जसवीर सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस मौके पर सरपंच गुरमीत कौर, बलजिंदर सिंह मिश्रा, पूर्व सैनिक हरमोलक सिंह वजीदके, किसान नेता कुलजीत सिंह वाजिदके, डॉ. जसवीर सिंह आदि ने परिवार के साथ अपना शोक व्यक्त किया।

2 मई को छुट्टी के बाद घर से गया था

गांव वजीदके कला की सरपंच गुरमीत कौर के पति बलजिंदर सिंह ने बताया कि फौजी जवान अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके कोई भाई - बहन नहीं है। उसकी आयु करीब 25 वर्ष थी और अभी तक उसकी शादी भी नहीं हुई थी। वह छुट्टी आया हुआ था और इसी महीने की 2 मई को ड्यूटी पर वापस गया था।

5 मई को हुआ था राजौरी में हमला

5 मई को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कंडी इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में पांच जवान बलिदान हो गए थे। अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा था कि सेना को राजौरी सेक्टर के कंडी जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना ने घेराव किया, आतंकियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था।