नई दिल्ली, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले सालों में 80 प्रतिशत मानव नौकरियों को बदल सकता है, लेकिन ये एक अच्छी बात है, दरअसल ऐसा यूएस-ब्राजील के शोधकर्ता बेन गोएर्टजेल ने कहा है ।
बेन गोएर्टजेल गणितज्ञ, संज्ञानात्मक वैज्ञानिक और प्रसिद्ध रोबोट-निर्माता गोएर्टजेल, 56, सिंगुलैरिटीनेट के फाउंडर और सीईओ हैं।
क्या आने वाले सालों में 80 % मानव नौकरियों को बदल देगा AI?
पिछले सप्ताह वे दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक प्रौद्योगिकी सम्मेलन रियो डी जनेरियो में शामिल हुए। यहां एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले सालों में 80 प्रतिशत मानव नौकरियों को बदल सकता है। हालांकि, उन्होंने आगे इसे अच्छा भी बताया।
बेन गोएर्टजेल ने इस दौरान कहा, "अगर हम चाहते हैं कि मशीनें वास्तव में लोगों की तरह स्मार्ट हों और किसी भी अज्ञात चीज से निपटने के लिए बढ़िया तरह से काम करें, साथ ही प्रोग्रामिंग से परे बड़ी छलांग लगाने में सक्षम हों तो ऐसी अभी सिर्फ कल्पना ही किया जा सकती है। हम अभी तक इसके लिए उतने सक्षम नहीं हैं।"
हालांकि, उन्होंने आगे ये भी कहा कि मुझे लगता है कि अभी हम जिस स्थान पर हैं वहां पहुंचने के लिए दशकों की बजाय सालों ही लगे हैं। यानी की काफी कम समय में हमने ये दूरी तय की है।
क्या AI पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है?
जब गोएर्टजेल से आगे सवाल किया गया कि चैटजीपीटी और इसके जोखिमों जैसे एआई के आसपास बहस के बारे में आप क्या सोचते हैं, साथ ही क्या इसपर 6 महीने का शोध ब्रेक होना चाहिए, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें इसे रोकने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ये एक खतरनाक अतिमानवी एआई की तरह है। ये बहुत ही रोचक AI सिस्टम है, लेकिन ये इंसान की बुद्धि के लेवल तक नहीं काम कर सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि ये मल्टी लेवल रीजनिंग करने में समर्थ नहीं है। वे अपने प्रशिक्षण डेटा के दायरे से बाहर नई चीजों का आविष्कार नहीं कर सकते।