राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायकों द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पैसे लेकर सरकार गिराने का षडयंत्र किए जाने के बयान के दूसरे दिन सोमवार को प्रदेश में राजनीति तेज रही। गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और विधायक शेभारानी कुशवाह द्वारा उनकी सरकार बचाने की बात भी कही थी। इस मुददे पर एक तरफ जहां भाजपा कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।

पैसा आने का प्रमाण सीएम के पास:  गजेंद्र सिंह शेखावत

वहीं दूसरी तरफ पायलट खेमे के विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान से गहलोत की शिकायत की है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को जयपुर में मीडिया से बात करते कहा, सीएम को खुलासे के साथ बताना चाहिए कि कब, कहां और किस तरह उनकी सरकार बचाने में सहयोग किया गया। शेखावत ने कहा, यह बात तो तय है कि विधायकों के पास पैसा आने का प्रमाण सीएम के पास है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत पैसे लेने वाला पहले दोषी है।

गहलोत सरकार ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की। दूसरा जानते हुए भी किसी व्यक्ति ने भ्रष्टाचार किया और गहलोत के पास प्रमाण है तो सीएम और गृहमंत्री होने के नाते उनकी नैतिक व वैधानिक जिम्मेदारी है। भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत सीएम भी आरोपित है। उन्होंने जानते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले की जांच करानी चाहिए। मामला सीबीआई को सौंपना चाहिए। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा, गहलोत पैसा लेने वाले विधायकों पर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराते हैं। गहलोत जिन कांग्रेस विधायकों पर आरोप लगा रहे हैं उन्हे मंत्री क्यों बनाया है।

राठौड़ बोले, जनता सब जानती है

प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि जनता सब समझती है कि सीएम ने जिन विधायकों पर पैसे लेने का आरोप लगाया उन्हे मंत्री क्यों बनाया है। कांग्रेस के विधायकों ने पैसा लिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। राठौड़ ने कहा, दो साल गुजर जाने के बाद भी पैसा लेने वाले विधायकों की सूची सीएम ने जारी क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि सीएम झूठे आरोप लगा रहे हैं।