18वीं सदी के मुस्लिम शासक टीपू सुल्तान की निंदा करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यह समय है कि ''नए भारत'' ने अपने इतिहास को फिर से लिखा। ''हमारे'' नायकों द्वारा अपनी भूमि और धर्म की रक्षा के लिए किए गए बलिदानों को मान्यता दी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या आप उस आदमी की गारंटी का भरोसा कर सकते हैं जिसकी अपनी कोई गारंटी नहीं है। उनकी मां सोनिया गांधी बीस साल से अकेले राहुल को स्थापित करने की लड़ाई लड़ रही हैं।
वामपंथियों का लिखा इतिहास बहुत हो गया: बिस्वा
असम के सीएम ने रविवार को ट्वीट किया, ''अगर हम इस तर्क की भी जांच करें कि टीपू सुल्तान केवल एक स्वतंत्रता सेनानी हैं क्योंकि उन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, तो उन 80 हजार कोडवों के बारे में क्या जिन्होंने बहादुरी से अपना बलिदान दिया।''
बिस्वा ने कहा, ''वामपंथियों का लिखा इतिहास बहुत हो गया। नए भारत को एक ऐसे इतिहास की जरूरत है जो हमारे नायकों द्वारा अपनी भूमि और धर्म की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को पहचान सके।'' बाद में मंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार को टीपू सुल्तान के ''परिवार के सदस्य'' के रूप में करार दिया।
सोनिया गांधी कर रही राहुल गांधी को स्थापित करने की कोशिश
सरमा ने कहा, ''असम पर 17 बार मुगलों ने हमला किया, लेकिन वे हमें पराजित नहीं कर सके। और आज सिद्दारमैया कह रहे हैं कि वे टीपू सुल्तान जयंती मनाएंगे। यदि आप जयंती मनाना चाहते हैं, तो पाकिस्तान या बांग्लादेश में जाकर ऐसा करें।'' बेंगलुरु में एक प्रेस कांफ्रेंस में असम के मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले दो दशकों से अपने बेटे राहुल गांधी को स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन अब तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। वह उन्हें सम्मानजनक आजीविका अर्जित करने लायक बनाना चाहती हैं।