लंदन, किंग चार्ल्स III की आज ताजपोशी होगी। उनके राज्याभिषेक के मौके पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने एक विशेष संदेश दिया है। इस संदेश में एक हजार साल से अधिक पुराने धार्मिक समारोह में सभी धर्मों द्वारा निभाई जाने वाली केंद्रीय भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
सुनक पढ़ेंगे बाइबिल के अंश
भारतीय मूल के नेता और 10 डाउनिंग स्ट्रीट के पहले हिंदू पदाधिकारी सुनक शनिवार को वेस्टमिंस्टर एब्बे में होने वाले समारोह में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। वे यूके के प्रधानमंत्रियों द्वारा राज्य के अवसरों पर रीडिंग देने की हालिया परंपरा को ध्यान में रखते हुए कुलुस्सियों की बाइबिल पुस्तक के कुछ अंश पढ़ेंगे। सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी ध्वजवाहकों के एक जुलूस के प्रमुख होंगे। यूके के झंडे को एक उच्च श्रेणी की रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) कैडेट द्वारा एब्बे में ले जाया जाएगा।
''हर धर्म के प्रतिनिधि पहली बार निभाएंगे केंद्रीय भूमिका''
सुनक ने ऐतिहासिक घटना की पूर्व संध्या पर एक बयान में कहा, "एब्बे में, जहां लगभग एक हजार वर्षों तक राजाओं की ताजपोशी हुई है, हर धर्म के प्रतिनिधि पहली बार केंद्रीय भूमिका निभाएंगे। किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला का राज्याभिषेक असाधारण राष्ट्रीय गौरव का क्षण होगा। राष्ट्रमंडल और उससे आगे के दोस्तों के साथ मिलकर, हम अपने महान राजशाही की स्थायी प्रकृति, इसकी निरंतरता, कर्तव्य के प्रति समर्पण और सेवा का जश्न मनाएंगे। कोई अन्य देश इस तरह का चमकदार प्रदर्शन, जुलूस, रंगारंग समारोह नहीं कर सकता है।''
'यह ताशपोजी परंपराओं की एक गौरवपूर्ण अभिव्यक्ति है'
हालांकि, उन्होंने जून 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी के बाद 70 वर्षों में बार होने वाले राज्याभिषेक पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल तमाशा नहीं है, बल्कि इतिहास, संस्कृति और परंपराओं की एक गौरवपूर्ण अभिव्यक्ति है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ भी ताजपोशी का बनेंगे गवाह
बता दे, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद चार्ल्स तृतीय को ब्रिटेन का नया सम्राट चुना गया है। करीब 70 साल बाद ब्रिटेन की जनता आज ताजपोशी का गवाह बनेगी। इस दौरान 'गॉड सेव द किंग' के नारे लगाए जाएंगे। इस खास मौके पर दुनिया भर के 100 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों को आमंत्रण दिया गया है। भारत के उपराष्ट्रपति भी इस ऐतिहासिक घटना के शामिल होंगे।