सिंगापुर, भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार 1 से 4 मई 2023 तक सिंगापुर के अधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ एनजी इंग हेन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। वहीं, सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा विकास और बहुपक्षीय मंचों का लाभ उठाने के महत्व पर भी चर्चा की।

सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ. एनजी से की मुलाकात

एडमिरल हरि कुमार ने आसियान-भारत मैरिटाइम एक्सरसाइज के उद्घाटन समारोह में भी शामिल हुए थे। यह एक्सरसाइज 2 चरणों में आयोजित की जा रहा है। वहीं उन्होंने 13वें अंतर्राष्‍ट्रीय समुद्री रक्षा प्रदर्शनी एवं सम्‍मेलन (आईएमडीईएक्स) एशिया के दौरान सिंगापुर के रक्षा मंत्री डॉ. एनजी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। एडमिरल हरि कुमार ने क्रांजी युद्ध स्मारक का भी दौरा किया।

आसियान-भारत समुद्री अभ्यास भारत के दो युद्धपोत शामिल

एडमिरल हरि ने सिंगापुर के रक्षा बल के प्रमुख रियर-एडमिरल (आरएडीएम) आरोन बेंग और रक्षा मंत्रालय के प्रमुख से मिलने से पहले रक्षा मंत्रालय में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। कुमार ने सिंगापुर में एक प्रमुख नौसैनिक अड्डे पर पहले आसियान-भारत समुद्री अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भी भाग लिया। भारत और सिंगापुर की नौसेनाओं द्वारा सह-मेजबानी की जा रही इस अभ्यास में अन्य आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) देशों के जहाजों और सैन्यकर्मी भी शामिल होंगे। भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत समुद्री अभ्यास में भाग लेने के लिए सोमवार को सिंगापुर पहुंचे थे।

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेंगे एडमिरल

सिंगापुर की अपनी अब तक की यात्रा के दौरान, एडमिरल हरि ने RSS सिंगापुरा-चांगी नेवल बेस (CNB) में सूचना संलयन केंद्र (IFC) का भी दौरा किया। कुमार 4 मई 2023 को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा सम्मेलन (IMSC) के 8वें संस्करण में भी भाग लेंगे। उनकी यात्रा सिंगापुर और भारत के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रेखांकित करती है।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मिली मजबूती

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सिंगापुर गणराज्य की नौसेना और भारतीय नौसेना द्विपक्षीय अभ्यासों, पेशेवर आदान-प्रदान, दौरों और पाठ्यक्रमों के आदान-प्रदान के माध्यम से नियमित रूप से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। मंत्रालय ने कहा कि इन पारस्परिक रूप से लाभकारी बातचीत ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत किया है। साथ ही आपसी समझ को बढ़ाया है और दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत किया है।