भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे जीवंत है और इसकी छवि को किसी के द्वारा खराब या खराब नहीं होने दिया जा सकता। ये बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में कही है। दरअसल उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग देश के बाहर भारत की लोकतांत्रिक छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

भारत के लोकतंत्र की निंदा क्यों- धनखड़

उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा,''जब सब कुछ ठीक चल रहा है, तो कुछ लोग हमारे लोकतंत्र की निंदा क्यों कर रहे हैं? मैं विश्वास के साथ और विरोधाभासों के डर के बिना ये कहने की हिम्मत करता हूं कि भारत इस तारीख को ग्रह पर सबसे जीवंत कार्यात्मक लोकतंत्र है।''

राष्ट्रवाद में विश्वास करने की अपील

उपराष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम में छात्रों, युवाओं, बुद्धिजीवियों और मीडिया से 'देश के राजदूत' के रूप में कार्य करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद में विश्वास करें।

हम उन लोगों का समर्थन नहीं कर सकते जो देश के अंदर और बाहर हमारे विकास पथ और लोकतांत्रिक मूल्यों को कलंकित और कलंकित करते हैं। उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि संसद "बातचीत, चर्चा और बहस का स्थान" है, न कि व्यवधान और अशांति का स्थान।

असम दौरे पर हैं उपराष्ट्रपति धनखड़

दरअसल, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बुधवार को असम और मणिपुर के दौरे पर हैं। इस दौरान वे डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारो में शामिल हुए। इस मौके पर असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली मौजूद रहे। डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय ऊपरी असम के प्राथमिक संस्थानों में से एक माना जाता है।