अमेरिका और भारत उन्नत रक्षा और कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी साझा करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी जेट इंजनों का संभावित संयुक्त उत्पादन भी शामिल है। भारत-अमेरिका बिजनेस समिट में अपने संबोधन के मौके पर न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, कांग्रेसी आरओ खन्ना ने कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारत के साथ जीई इंजन का सौदा हो ताकि वे यूरोप से हार न जाएं।

'रूस अब धीरे-धीरे चीन की तरफ झुक रहा'

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउज ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्स के सदस्य खन्ना ने कहा कि भारत को पता है कि सोवियतकाल के सैन्य उपकरण अब ठीक से काम नहीं करते और रूस भी अब धीरे-धीरे चीन की तरफ झुक रहा है। साथ ही भारत भी अब खुले तौर पर अमेरिका के साथ मजबूत रिश्ता बनाने का इच्छुक है।

भारत-अमेरिका के बीच जल्द हो समझौता- खन्ना 

उन्होंने कहा, 'अमेरिकी सरकार की प्राथमिकता है कि यह समझौता जल्द से जल्द हो जाए, उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले। हम इस पर ही काम कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हम यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी अमेरिकी संसद के साथ बातचीत करें। दोनों सदनों के उपसभापति स्पीकर से उन्हें न्योता देने का अनुरोध करेंगे।

'हमें खुशी है कि भारत ने यूक्रेन में पुतिन के आक्रमण की निंदा की'

अमेरिकी सांसद ने कहा कि हमें रक्षा क्षेत्र में मजबूत होना होगा और यह बेहद अहम समय है। जेट इंजन्स रक्षा लिहाज से बेहद जरूरी हैं। खन्ना ने भारत की ऊर्जा और ईंधन जरूरतों को पूरा करने पर भी जोर दिया और कहा कि हमें विकास के लिए एक वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत ढूंढना होगा। हमें खुशी है कि भारत ने यूक्रेन में पुतिन के आक्रमण की निंदा की है। भारत और रूस के बीच के रिश्ते अमेरिका के लिए चिंता का विषय नहीं होने चाहिए, क्योंकि हमारी साझेदारी आने वाले दशकों तक चलने वाली है।