नई दिल्ली,  'ऐसे लग रहा था कि हम मृत्युशय्या पर थे...' ये कहना था हरियाणा के सुखविंदर के जो सूडान में फंसे थे और उन 360 भारतीयों में से एक हैं जो ऑपरेशन कावेरी के तहत पहले बैच में भारत पहुंचे हैं। सुखविंदर पेशे से इंजीनियर हैं और सूडान से निकल कर सऊदी अरब के रास्ते नई दिल्ली पहुंचे हैं।

बता दें कि सुखविंदर हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले हैं। सुखविंदर सूडान की परिस्थितियों को याद करके अभी भी डर जाते हैं। उन्होंने बताया कि हम एक बंद कमरे में रह रहे थे, यह ऐसा था कि हम मृत्युशय्या पर हों।

भारत पहुंच चुके हैं 670 नागरिक

भारत ने अब तक सूडान से कम से कम 670 भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है और नियमित सेना और एक अर्धसैनिक बल के बीच संघर्षविराम समाप्त होने से पहले संघर्षग्रस्त अफ्रीकी देश से अपने और नागरिकों को बचाने की कोशिश लगातार जारी है।

वहीं, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के रहने वाले छोटू सूडान की एक फैक्ट्री में काम करते थे। छोटू अभी भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि वह सूडान से निकल कर सुरक्षित भारत आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं मरकर वापस आ गया हूं।

सूडान में क्यों चल रहा है गृहयुद्ध?

अफ्रीकी देश सूडान में सेना के कमांडर जनरल अब्देल-फतह बुरहान और पैरामिलिट्री फोर्स के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगालो के बीच संघर्ष हो रहा है। जनरल बुरहान और जनरल डगालो, दोनों पहले साथ ही थे। 

बता दें कि इस समय चल रहे संघर्ष की नींव अप्रैल 2019 से जुड़ी हैं। उस समय सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति उमर अल-बशीर के खिलाफ जनता ने विद्रोह किया था। बाद में सेना ने अल-बशीर की सत्ता को उखाड़ फेंका था।

इंडिगो ने दी मदद की पेशकश

सूडान में चल रहे गृहयुद्ध के बीच, इंडिगो ने कहा कि उसने 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत जेद्दा के लिए चार्टर उड़ानों के लिए अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है।

एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि हम अभी भी इन उड़ानों को शुरू करने के लिए मंत्रालय से ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं, अभी तक कुछ भी पुष्टि नहीं की गई है।

भारतीय वायु सेना के परिवहन विमान ने बुधवार को पोर्ट सूडान से 392 भारतीयों को जेद्दाह पहुंचाया, जिसके एक दिन बाद भारतीय नौसेना के जहाज ने सूडान से 278 नागरिकों को बचाया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान से अब तक निकाले गए भारतीयों की कुल संख्या 670 है।