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। मध्य प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के बीच दोहरी चुनौती है। एक तो यह कि लोग बीमारी को लेकर लापरवाह बने हुए हैं। किसी तरह की सावधानी नहीं बरत रहे हैं। दूसरी यह कि 12 वर्ष के ऊपर की छह करोड़ 39 लाख आबादी में पांच करोड़ 92 लाख यानी 94 प्रतिशत को ही दोनों डोज लगी हैं। सतर्कता डोज की स्थिति तो और खराब
25 प्रतिशत ने ही सतर्कता डोज लगवाई
18 वर्ष से अधिक के लोगों में एक करोड़ 36 लाख यानी 25 प्रतिशत ने ही सतर्कता डोज लगवाई है। नौ फरवरी तक सरकारी अस्पतालों ने निश्शुल्क टीका लगाया जा रहा था तो भी लाेग टीका लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। अब भारत सरकार ने निश्शुल्क टीका देना बंद कर दिया, इसलिए प्रदेश में कहीं भी सरकरी अस्पताल में टीका नहीं लग रहा है।
निजी अस्पतालों में सशुल्क टीकाकरण
कुछ निजी अस्पतालों में टीका सशुल्क टीका लगाया जा रहा है। हर दिन 10 से 15 लोग टीका लगवा रहे हैं। प्रदेश में 12 से 17 उम्र वर्ग के लोगों की संख्या 90 लाख है। इनमें 74 लाख 70 हजार लोगाें को पहली और 68 लाख 40 हजार को दोनों डोज लगी हैं। इनमें ज्यादातर वह हैं जो स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में मरीज बढ़ने पर इनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
10 जिलों में पहुंचा संक्रमण, लगातार दूसरे दिन 32 मरीज मिले
प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या पिछले 10 दिन से 25 से ऊपर बनी हुई है। शनिवार को प्रदेश के 10 जिलों में इसके 32 मरीज मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा नौ भोपाल के हैं। इसके बाद इंदौर में छह, जबलपुर में पांच, नर्मदापुरम में तीन, ग्वालियर, सतना और रायसेन में दो-दो, दतिया, खंडवा और उज्जैन में एक-एक मामला सामने आया है। शुक्रवार को भी 32 मामले सामने आए थे। अब सक्रिय मरीजों की संख्या 170 है, इनमें पांच का भोपाल के विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। बाकी होम आइसोलेशन में हैं।