नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर आयोजित अंतराराष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference on Disaster Resilient Infrastructure) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि निकट से जुड़े विश्व में आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होगा। एक क्षेत्र में आपदा का पूरी तरह से अलग क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव हो सकता है। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए न कि अलग-थलग।
'40 से अधिक देश बने CDRI का हिस्सा'
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही वर्षों में 40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा बन गए हैं। इस प्रकार यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है। उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे देश और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह भी उत्साहजनक है कि सिर्फ सरकारें ही इसमें शामिल नहीं हैं, बल्कि वैश्विक संस्थाएं और निजी क्षेत्र भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
'भारत जी-20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से दुनिया को एक साथ ला रहा है'
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल ही, इंफ्रास्ट्रक्चरल रेजिलिएशन एक्सेलेरेटर फंड (Infrastructural Resilience Accelerator Fund) की घोषणा की गई थी। 50 मिलियन डॉलर के इस कोष ने विकासशील देशों के बीच अत्यधिक रुचि पैदा की है। इस वर्ष भारत अपने G20 प्रेसीडेंसी के माध्यम से दुनिया को एक साथ ला रहा है और G20 के अध्यक्ष के रूप में हमने CDRI को कई कार्यकारी समूहों में शामिल किया है।