रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुए उपद्रव के बाद बिहारशरीफ और सासाराम में व्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। अभी तक 173 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इंटरनेट सेवा शुक्रवार से ही बंद हैं। बच्चों के स्कूल-कोचिंग को भी चार अप्रैल तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ स्थानीय प्रशासन चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद हैं। केंद्र ने बिहार में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की दस बटालियनें भेजी हैं।
सासाराम में सोमवार को सुतली बम फेंक कर फिर से माहौल बिगाड़ने की कोशिश हुई। हालंकि, बिहारशरीफ में पिछले 24 घंटे में कहीं भी किसी तरह के वारदात की सूचना नहीं है। नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं। शहर के लहेरी व बिहार थाने में 15 मामले दर्ज किए गए हैं।
मकान की दीवार पर बम के निशान
इससे पहले एक अप्रैल को भी सासाराम में बम धमाका हुआ था, जिसमें छह लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए। हालांकि, पुलिस ने इसे हिंसा से अलग मामला बताया और कहा कि अवैध विस्फोटक हैंडलिंग के दौरान धमाका हुआ था।
चार अप्रैल के बाद इंटरनेट सेवा बहाल करने पर होगा फैसला
वहीं, चार अप्रैल के बाद इंटरनेट सेवा बहाल करने पर फैसला किया जाएगा। इंटरनेट सेवा बंद रहने से व्यापारियों के साथ साथ छात्रों को सबसे अधिक समस्या हो रही है। 10वीं और 12वीं बोर्ड के रिजल्ट के बाद कालेजों में नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होने वाली है। नालंदा डीएम ने कहा कि इसको लेकर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा। फिलहाल चार अप्रैल तक सासाराम और बिहारशरीफ में स्कूल, कालेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है