दिल्ली विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव रखा था, मगर अब वे ही सदन से गायब हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगर विपक्ष सदन में होता तो अच्छा रहता, वे जो भी बात कहना चाहते अपनी बात रख सकते थे।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा ने आप की सरकार गिराने की कोशिश की हो, कल तक भाजपा अविश्वास प्रस्ताव पर थी, मगर जब उन्हें लगा कि दिल्ली में उनकी बात नहीं बन रही है तो मंगलवार रात को इन्होंने अपना अविश्वास प्रस्ताव वापस लिया है।
आप विधायकों ने कहा कि भाजपा यह अभियान पूरे देश में चला रही है कि एक तो सरकार बनाने की कोशिश करती है और जब कामयाब नहीं होती है तो विधायकों को खरीद लेती है।मगर दिल्ली आकर अरविंद केजरीवाल के सामने फेल हो जाती है। यहां भाजपा की दाल नहीं गलती है।
आप विधायक सोमनाथ ने कहा कि 70 सदस्यीय विधानसभा में आठ सदस्यों वाली भाजपा जब अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात करती है तो यह चिंता जरूर होती है कि भाजपा में आखिर चल क्या रहा है? क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव के लिए 70 में से कम से कम 14 सदस्यीय चाहिए होते हैं, मगर इनके पास आठ सदस्य ही हैं तो यह प्रस्ताव किस आधार पर ला रहे हैं।मगर दिल्ली में इनके प्रयास सफल नहीं होंगे, वहां अरविंद केजरीवाल की सरकार है।जिनके विधायकों का संकल्प है कि मिट जाएंगे, मर जाएंगे मगर इनके आगे झुकेंगे नहीं।