एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार की दोपहर कोषागार के अकाउंटेंट दिनेश कुमार उपाध्याय को दस हजार रुपये घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। टीम ने सुबह से ही जाल बिछाया था। टीम उसे पकड़कर सदर कोतवाली ले गई व कानूनी कार्रवाई में जुटी है। अकाउंटेंट के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही कर्मचारियों में खलबली मच गई।
डीएम ने दो गवाह नियुक्त किए
डीएम ने दो अधिकारियों को बतौर गवाह नियुक्त किया। गवाहों को लेकर टीम कोषागार पहुंची। शिकायतकर्ता ने दस हजार रुपये की रकम निकालकर अकाउंटेंट को दिया। इसी बीच एंटी करप्शन टीम ने दबोच लिया। टीम उसे लेकर सदर कोतवाली पहुंची। उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। सदर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राहुल कुमार सिंह ने बताया कि एंटी करप्शन टीम ने एक कर्मचारी को पकड़ा है। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
पूर्व में भी लेखाकार हो चुका है निलंबित
तीन नवंबर 2022 को जीवित प्रमाण पत्र के नाम पर रुपये लेने का वीडियाे वायरल हुआ था। लेखाकार शारदेश कुमार सिंह पर रुपये लेने का आरोप था। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने निदेशक से कार्रवाई करने का अनुराेध किया था। जिसे गंभीरता से लेते हुए निदेशक ने संबंधित लेखाकार को निलंबित कर दिया। साथ ही कोषागार कार्यालय गोरखपुर से संबद्ध करते हुए प्रकरण की जांच अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन गोरखपुर को सौंपी थी।
कर्मचारी नेताओं ने साजिश बताया
अकाउंटेंट के पकड़े जाने के बाद कलेक्ट्रेट में धरना दे रहे राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय के नेतृत्व में पदाधिकारी कोषागार पहुंचे। उन्होंने साजिश के तहत अकाउंटेंट को फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के विरुद्ध साजिश की जा रही है, जो निंदनीय है।