नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर नगालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (AFSPA) के तहत घोषित 'अशांत क्षेत्रों' के अधिकार क्षेत्र को कम करने का फैसला किया है। ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, शाह ने कहा कि यह निर्णय पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के कारण लिया गया है।
अशांत क्षेत्रों का कम करने का फैसला
अमित शाह ने कहा, “पूर्वोत्तर के लिए एक ऐतिहासिक दिन! प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने एक बार फिर AFSPA के तहत नगालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है। यह निर्णय उत्तर-पूर्व भारत में सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार के कारण लिया गया है।”
सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता
शाह ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार मोदी ने पूर्वोत्तर में सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता दी और इसके परिणामस्वरूप यह क्षेत्र अब शांति और विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और इस क्षेत्र को 'शेष भारत के दिलों' से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के हमारे बहनों और भाइयों को बधाई।"
AFSPA क्या है?
AFSPA अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और 'सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने' के लिए आवश्यक समझे जाने पर गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है। सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए AFSPA के तहत एक क्षेत्र या जिले को अशांत क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। असम में अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1990 से लागू है।
असम के आठ जिलों में लागू है AFSPA
अधिकारियों ने कहा कि मोदी सरकार के शासन के दौरान सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार के परिणामस्वरूप, AFSPA के तहत लगाए गए अशांत क्षेत्र टैग को एक अप्रैल 2022 को असम के नौ जिलों और एक जिले के एक उप-मंडल को छोड़कर पूरे राज्य से हटा दिया गया था। अब, यह असम में केवल आठ जिलों तक सीमित हो गया है।
मणिपुर को 2004 में 'अशांत क्षेत्र' किया गया घोषित
मणिपुर में इंफाल नगरपालिका क्षेत्र को छोड़कर, पूरे राज्य को 2004 में 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया था और तब से यह लागू है। 1 अप्रैल, 2022 को छह जिलों के 15 थाना क्षेत्रों को AFSPA के दायरे से मुक्त कर दिया गया।अधिकारियों ने कहा कि अब एक अप्रैल, 2023 से चार अन्य पुलिस थाना क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से अफस्पा हटाने के साथ ही राज्य के सात जिलों के कुल 19 थाना क्षेत्रों से अशांत क्षेत्र का टैग हटा दिया गया है।
1995 से नगालैंड में AFSPA लागू
AFSPA नगालैंड में 1995 से लागू है। इसे 1 अप्रैल, 2022 से सात जिलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों से हटा दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिश के बाद 1 अप्रैल, 2022 से तीन अन्य थाना क्षेत्रों से AFSPA हटा दिया गया था। इसके साथ ही नगालैंड के आठ जिलों के कुल 18 थाना क्षेत्रों से अशांत क्षेत्र का टैग हटा दिया गया है।