नई दिल्ली, निर्वाचन आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीति दलों के प्रदर्शन के आधार पर उनके दर्जे को लेकर समीक्षा का कार्य आरंभ कर दिया है और इसके तहत उसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) का पक्ष सुना। इन दोनों दलों को फिलहाल राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है।
छह मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों का पक्ष भी सुना
कोविड-19 के चलते आयोग ने राजनीतिक दलों के दर्जे की समीक्षा करना बंद कर दिया था। निर्वाचन आयोग ने इन दो राष्ट्रीय दलों के साथ ही चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 6ए, बी और सी के आधार पर छह मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दलों का पक्ष भी सुना। इनमें भारत राष्ट्र समिति, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस, राष्ट्रीय लोकदल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस, पट्टाली मक्कल काची और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी शामिल हैं।
कोरोना महामारी के चलते प्रक्रिया नहीं बढ़ सकी आगे
पिछले लोकसभा चुनाव के बाद निर्वाचन आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और राकांपा को नोटिस जारी कर पूछा था कि चुनाव नतीजों के आधार पर उनके दर्जे को कम क्यों नहीं कर दिया जाए। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।
भाकपा महासचिव डी राजा बोले
भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि यह नियमित रूप से होने वाली प्रक्रिया है। हमने आयोग के समक्ष यह लिखित प्रतिवेदन दिया है कि हम सबसे पुरानी पार्टी हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेते रहे हैं, केरल में सरकार बनाई है और कई राज्यों में गठबंधन सरकार का हिस्सा हैं। राकांपा के एक प्रतिनिधि ने आयोग के अधिकारियों के समक्ष विवरण प्रस्तुत किया।
इन दलों को मिला है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
बता दें कि भाजपा, बसपा, भाकपा, माकपा, कांग्रेस, तृणमूल, राकांपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं। इसके अलावा 50 से अधिक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टियां हैं। राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त पार्टी सभी लोकसभा सीटों और विधानसभा चुनावों में एक चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकती है। उसे अधिक स्टार प्रचारक रखने का मौका भी मिलता है।