नई दिल्ली, अदाणी मुद्दे पर कांग्रेस लगातार जेपीसी जांच की मांग पर अड़ी हुई है। संसद के अंदर से लेकर बाहर तक कांग्रेस इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा कर रही है। बीते लगातार सात दिनों से अदाणी के मुद्दे पर संसद में काम भी नहीं हो पा रहा है। वहीं, अब कांग्रेस ने इसको लेकर फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है।
"मोदी जी चुप्पी तोड़िए"
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को आड़े हाथों लिया है। जयराम ने कहा कि जेपीसी का गठन 1992 में हुआ था, जब कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। जेपीसी का गठन 2001 में वाजपेयी सरकार के दौरान भी हुआ था। दोनों बार शेयर बाजार घोटाले को लेकर जेपीसी का गठन हुआ था। इस बार यह घोटाला केवल शेयर बाजार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पीएम मोदी और सरकार की नीतियों और इरादों से भी जुड़ा है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि 'अदाणी जी चुप्पी तोड़िए'। हम कह रहे हैं 'मोदी जी चुप्पी तोड़िए।'
अडानी मामले में जांच के लिए जिस समिति का गठन हुआ है वे अडानी से सवाल करेंगे। हम जो सवाल कर रहे हैं वे प्रधानमंत्री से कर रहे हैं। ये सवाल सुप्रीम कोर्ट की समिति नहीं करेगी, उनकी हिम्मत भी नहीं होगी।
जेपीसी जांच की मांग
जयराम रमेश ने जेपीसी जांच की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो विशेषज्ञों की समिति बनाई है, वह अदाणी केंद्रित है। वह अदाणी से सवाल पूछेगी, लेकिन हम पीएम मोदी और सरकार से सवाल कर रहे हैं। हमारे सवाल सिर्फ जेपीसी में ही उठाए जा सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट की समिति इस बारे में सोचेगी भी नहीं।
संसद सातवें दिन भी ठप
उधर, संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को राहुल गांधी के लंदन में लोकतंत्र पर दिए बयान और अदाणी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। लगातार सातवें दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल पाई और हंगामे के बीच ही जम्मू-कश्मीर का बजट लोकसभा में बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। सियासी घमासान के बीच अब सरकार और विपक्ष संसद ठप होने के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं।