नई दिल्ली। तीन साल बाद एक बार आज सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों से हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे हैं। रामलीला मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)के बैनर तले किसानों की महापंचायत चल रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने महापंचायत में किसान, आदिवासी किसान, महिला किसान, खेत मजदूर और प्रवासी मजदूर, ग्रामीण श्रमिक, बेरोजगारी, और बढ़ती निर्वाह व्यय और घटती क्रय शक्ति पर इन नीतियों के प्रभाव के बारे में बात रख रहे हैं।
केंद्र सरकार से किसानों की ये हैं प्रमुख मांगें
सभी किसानों और खेत-मजदूरों के लिए पांच हजार रुपये प्रति माह की किसान पेंशन योजना को तुरंत लागू किया जाए।
किसान आंदोलन के दौरान भाजपा शासित राज्यों और अन्य राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए फर्जी मामले तुरंत वापस लिए जाए।
सिंघु मोर्चा पर किसानों के लिए एक स्मारक के निर्माण के लिए भूमि आवंटन किया जाए।
लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से बाहर किया जाए और गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
किसान आंदोलन के दौरान दम तोड़ने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास प्रदान करने के वादे को सरकार पूरा करे।
कृषि में बढ़ती लागत और फसल के लिए लाभकारी मूल्य न मिलने के कारण 80% से अधिक किसान कर्ज में डूब चुके हैं और आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में, संयुक्त किसान मोर्चा सभी किसानों के लिए कर्ज मुक्ति और उर्वरकों सहित लागत कीमतों में कमी की मांग करता है
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत के फार्मूला के आधार पर एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून लाया और लागू किया जाए।