उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गुरुवार को एक हाथी कलश यात्रा निकलने से पहले भड़क गया। उसने कई लोगों को रौंद दिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई लोग घायल हैं। हालांकि मौत के आंकड़े की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। घटना चिलुआताल इलाके के जगतबेला स्थित मोहम्मदपुर माफी गांव की है।

घटना के बाद खेत में घुस गया हाथी

ग्रामीणों का कहना है कि कलश यात्रा निकलने से पहले पंडाल में यज्ञ हो रहा था। मौके पर लोगों की भीड़ जमा थी। काफी शोर हो रहा था। इस दौरान कुछ लोग हाथी को छेड़ रहे थे, इससे वह भड़क गया। वह इधर-उधर भागने लगा। सूचना पाते ही पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उसे काबू करने की कोशिश की जा रही है।

गांव के रहने वाले रामलखन के अनुसार आज कलश यात्रा निकलनी थी। इसको लेकर गांव में तैयारियां चल रही थी। कलश यात्रा के लिए महिलाएं जल भरने जाने वाली थी। कलश यात्रा में शामिल होने के लिए हाथी को यहां पर लाया गया था। मौके पर पंडाल में एक हजार से अधिक लोग थे।

वहां पर हाथी को देखने और उसके साथ फोटो खिंचवाने वालों के लिए भीड़ जमा हो गई। भीड़ की वजह से हाथी भड़क गया। इस घटना में दो महिला कांति देवी (55), कौशल्या देवी (50) और एक बच्चे कृष्णा (4) की मौत हुई है। दोनों महिलाएं मोहम्मदपुर माफी इलाके की रहने वाली थी।

आशीर्वाद की जगह 4 साल के बच्चे को मिली मौत

गांव वालों के मुताबिक जिस बच्चे की मौत हुई है, वह काफी बीमार चल रहा था। उसके ननिहाल वालों ने मां से कहा था कि बच्चे को यज्ञ में लाकर पूजन कराओ तो वह ठीक हो जाएगा। जिसके बाद मां बच्चे को लेकर मायके आई थी। वह हाथी का पूजन कर बच्चे को आशीर्वाद दिलाने पहुंची थी। इसी दौरान हाथी ने बच्चे को पटक कर मार डाला।

महावत ने नहीं सुनी थी गांववालों की बात

वहीं ग्रामीण राजेश मौर्य ने बताया कि गांव के लोग महावत से बार-बार हाथी को दूर ले जाने के लिए बोल रहे थे। लेकिन, महावत उनकी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। महिलाएं हाथी का पूजन कर उसे चढ़ावा चढ़ा रही थी। महावत रुपए के लालच में वहां पर बना हुआ था। हाथी के पास भीड़ लगी थी। ​इतने लोग एक साथ हाथी को छूने लगे और उसे घेर लिए, जिसकी वजह से हाथी भड़क गया।