आज रोहा के समीपवर्ती बारह वर्षीय बच्चा कपिल नाथ के खेलकूद के उम्र में जीवन संग्राम की कहानी सुनने से सभी की आँखें नम हो जायेगी।
रोहा समीपवर्ती आलिकुसी निवासी बारह वर्षीय शिशु तथा सातंवी कक्षा का छात्र कपिल नाथ आज खेलकूद के उम्र में जीवन संग्राम करने को विवश है।बच्चपन में ही कपिल की माता के देहांत होने के पस्चात अपने भाई का बहन विनिता ने लालन पोषण कर बडा किया।पिता के अस्वस्थता के चलते आज खेलकूद की उम्र में कपिल घर का समस्त दायित्व लेने के साथ ही कपिल साईकिल पर लकडी ढो कर गांव गांव जाकर लकडी बिक्री करने के साथ ही दिनदिहाडी कर अपने रोगग्रस्त पिता और पंद्रह वर्षीय बहन का लालन पोषन कर रहा है। अपने परिवार के दायित्व के साथ ही कपिल अति कष्ट के साथ अपनी पढाई चालु रखी है।पढ लिखकर भविष्य में एक अच्छा ईंसान होने की काफी चाह कपिल के मन में है। परंतु वह असाहाय है। एक तरफ तो परिवार का दायित्व और एक तरफ आर्थिक तंगी ने जकड रखा है कपिल को। अपने रोगग्रस्त पिता और बहन को लेकर सुरक्षित स्थान भी नही है। एक झुपडे नुम्मे घर में रह जीवन बिताने को विवश है कपिल और परिवार।घर की छत से आसमान के तारे दिखने वाले झुपडी घर में वर्षात के दिनों में घर के अंदर पानी गिरने पर दुसरे के रहने को विवश हो जाते है।परंतु आज तक सरकार की दृष्टि नही पडी है उक्त परिवार पर आज तक एक सरकारी घर से भी वंचित है।ईसलिए कपिल और बहन ने संवाद माध्यम के जरिए राज्य के मुख्यमंत्री डां हिमंतविश्व शर्मा से अनुरोध करते हुवे कहा की मामा हमें एक घर चाहिए ।मामा हमारे पिता हमें पढा नही सकते हमें पढने में सहायता करें।ईसतरह दोनों भाई बहनों ने अपनी दुख भरी दांस्ता सुनाते हुवे मुख्यमंत्री से सहायता की अपील की है।