सुप्रीम कोर्ट ने अदानी मामले पर सुनवाई करते हुए भारतीय निवेशकों के हितों को लेकर चिंता जताई है. कोर्ट ने नियामक तंत्र कोऔर मज़बूत करने और भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए उपायों पर केंद्र सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की राय मांगी है. उन्हें दोनों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है.

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

इस ख़बर को जहां अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पहले पन्ने पर जगह दी है, वहीं लगभग सभी अख़बारों ने आज इसे प्रमुखता से छापा है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अदानी समूह के शेयर लगातार गिर रहे हैं और कंपनी के मूल्य में भारी कमी आई है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अदानी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मैनिपुलेशन के आरोप लगाए हैं लेकिन अदानी समूह ने इन आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है.

चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ ने देश में नियामक ढांचे को मज़बूत करने को लेकर सुझाव देने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का भी प्रस्ताव दिया है.

अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

सुप्रीम कोर्ट अदानी से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. इनमें अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बारे में जांच की मांग की गई थी.

कोर्ट ने कहा कि स्टॉक मार्केट की तरफ़ मध्यम वर्ग का रुझान बढ़ रहा है इसलिए दुनिया में भारत की बदलती स्थिति को देखते हुए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की ज़रूरत है.

हालांकि, कोर्ट ने ये साफ़ किया कि इसमें किसी के पीछे पड़ने की नहीं बल्कि बहुत सावधानी से चलने की ज़रूरत है क्योंकि ये शेयर बाज़ार को प्रभावित कर सकता है जिसमें भावनाओं की भी एक भूमिका होती है.