जम्मू-कश्मीर के काजीगुंड में एंट्री के सिर्फ एक किलोमीटर बाद ही राहुल गांधी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। यहां राहुल के सुरक्षा घेरे में कई लोग घुस आए थे। इसके बाद पुलिस राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला को गाड़ी में बैठाकर अनंतनाग ले गई। अनंतनाग में राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- आज यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई। टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे। मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि हम और नहीं चल सकते। मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी। बाकी लोग यात्रा कर रहे थे।
राहुल ने कहा- भीड़ को काबू करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, ताकि हम यात्रा कर सकते। मेरी सुरक्षा में लगे लोगों की सलाह को दरकिनार करना मेरे लिए मुश्किल था।
राहुल गांधी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकिर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने नाराजगी जताई। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर निशाना साधा। वेणुगोपाल ने सुरक्षा में सेंध के लिए पुलिस अधिकारियों और CRPF के जवानों को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 15 मिनट से यात्रा के साथ कोई भी सुरक्षा अधिकारी नहीं थे, ये गंभीर चूक है। राहुल और अन्य कार्यकर्ता बिना सुरक्षा के यात्रा में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
वेणुगोपाल ने कहा, 'कल तक जम्मू में सब कुछ ठीक था, लेकिन अब क्या हुआ। वो सारे पुलिस के अधिकारी कहां थे, यहां मौके पर कोई नहीं था, यह बड़ा मामला है। हमारी पार्टी के नेताओं ने गर्वनर और पुलिस के अधिकारियों के साथ एक महीने पहले ही बैठक की थी। हमने गुरुवार शाम तक इस बारे में कोई शिकायत नहीं की थी। अब हम इस तरह से आगे नहीं जा सकते क्योंकि इस एरिया में कोई भी आता-जाता है।
सुरक्षाबलों को भी इस एरिया के बारे में पता है। यात्रा सिर्फ 2-3 दिन के लिए है। सुरक्षा में हुई इस चूक सिक्योरिटी फोर्सेस को जवाब देना पड़ेगा। कल उन्होंने हमें इसी रूट के बारे में बताया था, हम सब कोऑडिनेशन के हिसाब से कर रहे हैं। हमारी टीम बाजार के रास्ते से जाना चाहती थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने कहा कि उधर से मत जाइए तो हम नहीं गए।'
यह यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई। इसने गुरुवार रात को पंजाब से जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया। 30 जनवरी को राहुल गांधी श्रीनगर के कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इसके साथ यात्रा का समाप्त होगी।