पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में रामकथा का आयोजन किया था। इसके बाद महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी गई थी और आरोप लगाया था कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को फैला रहे हैं। नागपुर के पुलिस आयुक्त ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के नागपुर में हुए कार्यक्रम के वीडियो की जांच की गई, लेकिन इसमें अंधविश्वास जैसी कोई बात नहीं मिली है।

धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर में रामकथा का आयोजन किया था, लेकिन रामकथा दो दिन के लिए घटा दी गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी गई है। धीरेंद्र शास्त्री पर्चे पर लिखकर लोगों की मन की बात बता देने का दावा करते हैं। उन्हें लेकर लोग दो धड़ों में बंट गए हैं। एक धड़ा मानता है कि बाबा के पास चमत्कारी शक्ति है, जबकि दूसरे धड़े का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास को फैला रहे हैं।

बता दें, पंडित धीरेंद्र शास्त्री बिना बताए लोगों के मन की बात जानने का दावा करते हैं। बीते दिनों नागपुर में उनका कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें श्रीराम कथा के साथ दिव्य चमत्कारी दरबार लगाया गया था। इसके बाद महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री के दावों को चुनौती दी थी। समिति ने आरोप लगाया था कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास फैलाते हैं। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने आरोप लगाया था कि दिव्य दरबार की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री जादू-टोना को बढ़ावा देने के साथ धर्म के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।

धीरेंद्र शास्त्री पर संत समाज भी बंटा

बागेश्वर धाम वाले कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं। धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कार करने के दावे पर सवाल उठे हैं। कुछ लोगों ने उन्हें चुनौती दी है और इसे पाखंड बताया। उन्हें लेकर संत समाज भी बंटा नजर आ रहा है। एक तरफ जहां अयोध्या के संत उनके समर्थन में खड़े हैं, वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और वृंदावन के प्रेमानंद महाराज जी जैसे धर्माचार्य उनके दावे पर सवाल खड़े कर रहे हैं।