देश के नए उप-राष्ट्रपति कौन होंगे, इसके लिए आज वोटिंग की जाएगी. इस वोटिंग में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य अपने वोट डालेंगे. इसके लिए संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा. यह मतदान खत्म होते ही तुरंत बाद मतगणना शुरू कर दी जाएगी. मतगणना के बाद देर शाम तक चुनावों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा में मुकाबला
NDA ने इस चुनाव (Vice President Election 2022) के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को मैदान में उतारा है. वहीं विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) मैदान में हैं. से है. वोटों का समीकरण देखें तो बीजेपी अकेले अपने दम पर जगदीप धनखड़ को चुनाव जिताने की स्थिति में है. पार्टी के पास लोकसभा में 303 तो राज्यसभा में 91 सदस्य हैं. ऐसे में कोई बड़ी अड़चन नहीं आई तो जगदीप धनखड़ का नया उपराष्ट्रपति चुना जाना तय माना जा रहा है.
10 अगस्त को रिटायर हो जाएंगे वेंकैया
बताते चलें कि मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है. उससे पहले नए उपराष्ट्रपति का चुनाव जरूरी है. उपराष्ट्रपति देश की तीनों सेनाओं के डिप्टी सुप्रीम कमांडर होते हैं. साथ ही राज्यसभा के सभापति का दायित्व भी निभाते हैं. इसी बीच एक नए घटनाक्रम में ममता बनर्जी ने शुक्रवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. ममता बनर्जी इससे पहले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने की घोषणा कर चुकी हैं. ऐसे में उनका पीएम मोदी से मिलना कई कयासों को बल दे गया है.
राष्ट्रपति चुनाव में जीत से बीजेपी उत्साहित
बताते चलें कि राष्ट्रपति चुनाव में अपना प्रत्याशी जिताकर बीजेपी पहले ही विपक्ष से 2-1 से आगे चल रही है. अब वह उपराष्ट्रपति पद भी जीतकर विपक्ष का 2-0 से सफाया कर देना चाहती है. अगर दोनों के चुनावों के तरीकों की बात की जाए तो राष्ट्रपति के चुनाव में चुने हुए सांसदों के साथ देशभर के विधायक भी अपने वोट डालते हैं. मनोनीत किए गए सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते.
मनोनीत सदस्य भी कर सकेंगे वोटिंग
वहीं उपराष्ट्रपति के चुनाव (Vice President Election 2022) में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं. राष्ट्रपति चुनाव के उलट इस चुनाव में संसद में निर्वाचित और मनोनीत दोनों प्रकार के सांसदों को वोट करने का अधिकार होता है. इस चुनाव में इलेक्शन ऑफिसर की भूमिका लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव बारी-बारी से निभाते हैं.