सिंगरौली जिले में भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में शुक्रवार को सीएमडी एनसीएल भोला सिंह ने अमलोरी परियोजना में ओवरबर्डन यानि अधिभार से रेत निर्माण संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया है। वहीं, कार्यक्रम में मौजूद सीएमडी एनसीएल ने बताया कि एनसीएल का यह प्रयास पर्यावरण बेहतरी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है और एनसीएल की व्यावसायिक विविधिकरण की दिशा में इस पहल से वर्ष भर गुणवत्ता युक्त रेत उपलब्ध होगी। एनसीएल आने वाले समय में अपनी विभिन्न परियोजनाओं में इस तरह के संयंत्र की स्थापना पर विचार कर रही है। एनसीएल की इस अभिनव पहल से कंपनी, स्थानीय हितधारकों, व राज्य सरकार सभी को लाभ होगा। सीएमडी एनसीएल ने इस संयंत्र को स्थापित करने में एनसीएल की अमलोरी परियोजना एवं मुख्यालय के अनुसंधान एवं विकास विकास विभाग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। एनसीएल का अधिभार से रेत निर्माण, भारत सरकार की पर्यावरण संबंधी व वेस्ट टू वेल्थ मिशन से प्रेरित है।
प्रतिदिन 1000 क्यूबिक मीटर रेत का उत्पादन
एनसीएल इस प्लांट के माध्यम से प्रति दिन एक हजार क्यूबिक मीटर रेत बनाएगी, जिसके लिए 1429 क्यूबिक मीटर अधिभार का उपयोग किया जाएगा। इस प्रकार एनसीएल सालाना लगभग तीन लाख क्यूबिक मीटर एम-सैंड (रेत) का उत्पादन करेगी। एनसीएल के पास अधिकाधिक मात्रा में अधिभार उपलब्ध है। एनसीएल ई-नीलामी के जरिये निर्मित रेत को उपलब्ध करवाएगा, जिसका मूल्य बाजार में उपलब्ध रेत से काफी कम रखा गया है। ई-नीलामी के लिए एनसीएल ने एमएसटीसी लिमिटेड (मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली एक मिनीरत्न कंपनी) के साथ एमओयू किया है । इस संयंत्र की स्थापना से रोजगार सृजन होगा व राज्य सरकार को राजस्व मिलेगा।
सतत एवं दीर्घकालिक विकास को समर्पित एनसीएल के इस कदम से नदियों से प्राकृतिक रेत का दोहन कम होगा एवं मृदा कटाव में कमी आएगी। साथ ही जलीय पारिस्थितिक तंत्र संरक्षण को बल मिलेगा। एनसीएल का यह प्रयास समाज की तरफ कंपनी की नैतिक ज़िम्मेदारी को प्रतिबिंब भी करता है व कंपनी के प्राकृतिक संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
एनसीएल अबाध कोयला आपूर्ति से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। बता दें कि एनसीएल को चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 122 मिलियन टन कोयला उत्पादन और प्रेषण लक्ष्य सौंपा गया है।