जोशीमठ संकट को लेकर उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक शुक्रवार को देहरादून में हुई. बैठक में जोशीगठ त्रासदी और इससे प्रभावित लोगों को ध्यान में रखकर कुछ अहम फैसले लिए गए. कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि सहायता पैकेज में पहले सर्वे और लोगों से बात की जाएगी. भारत सरकार से भी राहत पैकेज मांगा जाएगा, साथ ही सरकार एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज तैयार करेगी. विस्थापित परिवार के 2 लोगों को मनरेगा की दर पर भुगतान किया जाएगा. इसके साथ ही 6 महीने के लिए बिजली-पानी के बिल माफ करने और बैंक लोन के लिए एक साल की अवधि बढ़ाने का फैसला किया गया.
पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, सभी पर्वतीय क्षेत्रों की धारण क्षमता की जांच होगी. सर्वे होगा , पहले चरण में पर्वतीय क्षेत्रों का ही होगा. यह भी फैसला किया किया कि सभी मंत्री एक माह का वेतन सीएम राहत कोष में देंगे. आठ संस्थान इस वक्त जोशीमठ भू धंसाव के कारणों की जांच करेंगे. एनटीपीसी का भी काम अभी बंद है. इस संकट के लिए एनटीपीसी जिम्मेदार है कि नहीं, इसकी भी जांच होगी.
गौरतलब है कि लगातार जमीन घंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को 'sinking zone (धंसता क्षेत्र)' घोषित किया गया है, यहां के कई घरों और सड़कों में पिछले कुछ दिनों में दरारें आई हैं जिसके चलते क्षेत्र के निवासियों में डर व्याप्त है. 6150 फीट (1875 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित जोशीमठ, कई हिमालयी पर्वतारोहण अभियानों, ट्रेकिंग अभियानों और केदारनाथ व बद्रीनाथ जैसे लोकप्रिय तीर्थस्थलों का प्रवेशद्वार है. क्षेत्र के सैकड़ों घर और अन्य प्रतिष्ठानों में जमीन धंसने के कारण दरारें आ गई हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए शहर की सभी खतरनाक इमारतों पर लाल रंग से 'X'का चिन्ह अंकित किया जा रहा है. जिला प्रशासन की ओर से इन इमारतों को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किए जाने के बाद इसके निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है.